India News (इंडिया न्यूज़), Odisha Train Accident, दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ओडिशा ट्रेन दुर्घटना की जांच करने के लिए तैयार है। हादसे (Odisha Train Accident) में 275 लोगों की जान चली गई और 1,100 से अधिक घायल हो गए। स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, सीबीआई बालासोर जीआरपी केस नंबर 64 को अपने हाथ में लेगी। इस केस को ओडिशा पुलिस ने 3 जून को दर्ज किया था। यह मामला आईपीसी की कई धाराओं के दर्ज किया गया है जिसमें चोट पहुंचाने, जीवन को खतरे में डालना या लापरवाही या किसी इरादे से की गई कार्रवाई शामिल है।
एफआईआर में रेल यात्रियों के जीवन को खतरे में डालने वाले गैरकानूनी और लापरवाह कार्यों करने वाले रेलवे अधिनियम की धाराओं को लागू किया गया है। रेलवे अधिकारियों का दावा है कि प्रारंभिक जांच के दौरान प्राप्त जानकारी को देखते हुए एजेंसी की भागीदारी महत्वपूर्ण है इसलिए एक पेशेवर जांच एजेंसी से जांच की जरुरत है।
हादसे पर रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने प्रेंस कांफ्रेंस में बताया की कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था। जया वर्मा सिन्हा के अनुसार उनकी ड्राइवर से बात भी हुई थी। ड्राइवर को पहले ग्रीन सिग्नल मिला फिर लूप लाइन में जाने को कहा गया जहां मालगाड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल के लूप लाइन में जाते ही दोनों की टक्कर हो गई।
कोरोमंडल को लूप लाइन पर जाने का आदेश इसके कहने पर दिया गया? क्या यह जानबूझकर किया गया या गलती से हुआ? जब कोरोमंडल में मेन लाइन में ग्रीन सिग्नल दिया गया तो फिर उसे वापस क्यों लिया गया? इन सब का जिम्मेदार कौन है यह लापरवाही से किया गया या किसी साजिश के तहत किया गया? इन सब मामलों की जांच सीबीआई करेगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को घोषणा की कि दुर्घटना की सीबीआई जांच होगी। ट्रेन दुर्घटना में संभावित कारणों के रूप में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई थीं तथा कुछ और जानकारी भी रेलवे को मिली थी जिसके आधार पर सीबीआई जांच की रिफारिश की गई।
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