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जब थम गईं 20 महीने के मासूम की धड़कनें, फिर कम संसाधनों के बावजूद डॉक्टर्स ने यूं बचाई जान

International News: दो साल के बच्चे का दिल अचानक काम करना बंद कर दे, ऐसी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। मगर कनाडा के दक्षिणी-पश्चिमी अंटोरियो के पेट्रोलिया में ऐसा सच में हुआ है। यहां एक डे केयर में करीब 2 साल का बच्चा वेलॉन सॉन्डर्स अचानक पूल में गिर गया। जिसके बाद 20 […]

BY: Akanksha Gupta • UPDATED :
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International News: दो साल के बच्चे का दिल अचानक काम करना बंद कर दे, ऐसी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। मगर कनाडा के दक्षिणी-पश्चिमी अंटोरियो के पेट्रोलिया में ऐसा सच में हुआ है। यहां एक डे केयर में करीब 2 साल का बच्चा वेलॉन सॉन्डर्स अचानक पूल में गिर गया। जिसके बाद 20 महीने के इस बच्चे के दिल ने धड़कना बंद कर दिया। जिसके बाद फायरफाइटर्स बच्‍चे को एलेनोर एंगलहार्ट अस्पताल लेकर पहुंचे। फिर उसे बच्चे के दिल ने धड़कना शुरू किया। यह पूरी घटना 24 जनवरी की है।

कम संसाधनों के बावजूद बची बच्चे की जान

एंगलहार्ट हॉस्पिटल के डॉक्‍टरों ने इस बच्चे को बचाने के लिए काफी हैरान कर देने वाली कोशिशें कीं। जिसके चलते इस बच्चे की नई जिंदगी वापस देने का श्रेय इन डॉक्‍टरों को दिया जा रहा है। CBC न्‍यूज के अनुसार, जिस जगह यह घटना हुई उस जगह का नाम पेट्रोलिया है। जो संदन से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। यहां पर संसाधन न के बराबर थे। पेट्रोलिया में डॉक्‍टर्स भी मौजूद नहीं थे। जिसके कारण बच्चे को बचाना काफी चुनौतीपूर्ण था। लैब वर्कर्स और नर्स ने अपना सारा काम छोड़कर इस बच्चे को बचाने में पूरी कोशिश लगा दी।

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20 Month old Toddler Heartbeat Stopped

लंदन से टीम कर रही थी सहायता

बता दें कि लैब वर्कर्स और नर्स ने करीब 3 घंटे तक बच्चे को सीपीआर दिया। लंदन साइंस सेंटर की ओर से एक रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। सेंटर ने बताया, “जब मेडिकल स्‍टाफ ने सुना कि वेलॉन आ रहा है तो हर कोई मदद के लिए आगे आ गया।” डॉक्‍टर टेलर ने कहा, “दरअसल यह एक पूरी टीम की कोशिश थी। लैब में काम करने वाले तकनीशियंस ने कमरों में एक ही प्‍वाइंट पर हीटर रखा हुआ था। ईएमस कर्मी कंप्रेसर के जरिए उसे सांस देने की कोशिशों में लगे थे। साथ ही साथ नर्सें भी माइक्रोवेव के पानी को गर्म रखा गया। लंदन में टीम ने हमें पूरी मदद की।”

बच्चे की जान बचाना था एक टीम वर्क

वेलॉन नाम के इस 2 साल के बच्चे को 6 फरवरी को घर भेज दिया गया है। उसके परिवार को पूरा भरोसा है कि वह घर पर जल्द से जल्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा। हालांकि वह इस बात को जानते हैं कि वेलॉन को ठीक होने में अभी काफी वक्त लगेगा। डॉक्‍टर टेलर और टिजसेन ने कहा कि बच्चे की जान बचाना एक टीम वर्क था, जिसके कारण आज बच्चा जिंदा है।

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