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India News (इंडिया न्यूज), America Bans Indian Company: मध्य पूर्व में टेंशन जारी है। इस बीच अमेरिका ने 1 अक्टूबर को इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले के विरोध में एक दर्जन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। ये वो कंपनियां हैं जो ईरान के साथ तेल का व्यापार करती हैं। भारत की एक कंपनी भी अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में आ गई है। दरअसल, भारतीय कंपनी गब्बारो शिप सर्विसेज अपने टैंकर हॉर्नेट के जरिए एशियाई देशों को ईरानी तेल की आपूर्ति करती है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह टैंकर तथाकथित घोस्ट फ्लीट का हिस्सा है, जो ईरान से पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करता है। ईरान के तेल कारोबार से जुड़ी दुनिया भर की करीब एक दर्जन कंपनियां अमेरिका के ताजा प्रतिबंधों के दायरे में आ गई हैं।
बता दें कि, ये प्रतिबंधित कंपनियां यूएई, मलेशिया, हांगकांग और सूरीनाम की हैं। इस प्रतिबंध के तहत ये कंपनियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था में काम नहीं कर पाएंगी। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि ईरान का हमला इजरायल के सबसे अधिक आबादी वाले शहर तेल अवीव को निशाना बनाकर किया गया था। इससे हजारों निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी। इसलिए आम लोगों को निशाना बनाने की कार्रवाई का विरोध करना जरूरी है। वहीं इजरायल और ईरान के बीच भी युद्ध की संभावना है। अगर ऐसा हुआ तो इसका भारत के साथ-साथ मध्य पूर्व पर भी बुरा असर पड़ेगा। दरअसल, भारत और ईरान के बीच व्यापारिक रिश्ते बहुत पुराने हैं। भारत ईरान को बड़े पैमाने पर बासमती चावल और चाय की पत्तियों का निर्यात करता है। वहीं, भारत ईरान से सूरजमुखी का तेल आयात करता है।
भारत ने साल 2023-24 में ईरान को 680 मिलियन डॉलर का बासमती चावल निर्यात किया। भारत अपने यहां पैदा होने वाले बासमती चावल का कुल 19 प्रतिशत ईरान को निर्यात करता है। अगर ईरान और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ता है तो इसका सीधा असर चावल के निर्यात पर पड़ेगा। वहीं, साल 2023-24 में ईरान को 32 मिलियन डॉलर की चाय निर्यात की गई। वहीं, भारत ईरान से सूरजमुखी तेल का आयात करता है। अगर इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता है तो देश में सूरजमुखी तेल महंगा हो सकता है।
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