India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh: शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और अंतरिम सरकार के गठन के होने के बाद बांग्लादेश में अब नई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गई है। गुरुवार को बांग्लादेश में ‘शोक दिवस’ पर हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए है। इस दौरान उनकी मांग थी कि पूर्व पीएम शेख हसीना को देश वापस लाया जाए और उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। वहीं, शोक दिवस का बहिष्कार करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब बांग्लादेश का नया इतिहास लिखा जाएगा, जिसमें इसकी पहचान बंगबंधु नहीं बल्कि इस्लामी आधार पर होगी।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शहीद मीनार पर गुरुवार को हजारों की संख्या में अलग-अलग छात्र समूहों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व सरकार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शेख हसीना को देश वापस लाया जाना चाहिए और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि शेख हसीना ने छात्र आंदोलन के दौरान गोलीबारी का आदेश दिया था। इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रदर्शन में आए जमात-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े छात्रों ने कहा कि आज से बांग्लादेश का नया इतिहास लिखा जाएगा, जिसमें उसकी पहचान बंगबंधु से नहीं होगी। अब बांग्लादेश की पहचान इस्लामिक आधार पर होगी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के घर के बाहर घेराव भी किया।बांग्लादेश में कई जगहों पर हिंसा भी हुई। आवामी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। शोक दिवस का पूरी तरह से बहिष्कार किया गया।
इजराइल को माफ़ कर देगा ईरान? एक डील जो पलट देगी पूरा गेम, हिजबुल्ला को आएगा गुस्सा?
बांग्लादेश के धान मंडी इलाके में हिंसा हुई। कई गाड़ियां जला दी गईं और लोगों के साथ मारपीट की गई। धान मंडी इलाके में बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का घर है। आपको बता दें कि 15 अगस्त को बांग्लादेश में शोक दिवस मनाया जाता है। इसी दिन बांग्लादेश के संस्थापक कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। बीएनपी और जमात कार्यकर्ताओं ने कहा कि शोक दिवस मनाने का कोई मतलब नहीं है। लोगों को रोकने के लिए शेख हसीना के घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
धान मंडी इलाके में हुई हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया को इलाके में प्रवेश करने और कवरेज करने से रोक दिया गया है। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार ने शोक दिवस मनाने पर रोक लगा दी थी। कई पार्टियों ने अंतरिम सरकार से 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में न मनाने का आग्रह किया था। यह मांग करने वालों में बीएनपी, जमात, अमर बांग्लादेश पार्टी, गन अधिकार परिषद, बांग्लादेश जातीय पार्टी और नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट जैसी पार्टियां शामिल थीं।
बांग्लादेश में हर साल 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी वजह यह है कि 1975 में इसी दिन शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की उनके परिवार के साथ हत्या कर दी गई थी। वे बांग्लादेश के संस्थापक थे। 15 अगस्त 1975 को सेना के अधिकारियों ने उनके घर को चारों तरफ से घेर लिया और उन्हें गोली मार दी। तब से बांग्लादेश में 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय मुसलमानों के लिए Pakistan ने भेजा पैगाम, धर्म गुरु की बात सुन कर रह जायेंगे भौचक्के
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.