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India News (इंडिया न्यूज), China Economic Crisis: भारत को हर बात में लाल आंख दिखाने वाले चीन की अर्थव्यवस्था ख़राब हो चूका है। इससे उबरने के लिए शी जिनपिंग लगातार कोशिश कर रहे हैं। दरअसल पिछले महीने उन्होंने 12 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज जारी किया था, जिसके बाद चीनी बाजार में तेज उछाल देखने को मिला था। परंतु अब सिर्फ एक हफ्ते के अंदर ही बाजार की यह तेजी गायब हो गई और चीनी बाजार एक बार फिर लड़खड़ाने लगा। जिसके बाद खबर आ रही है कि इस बार जिनपिंग सरकार राहत का बूस्टर डोज देने की तैयारी में है, जिसके लिए वह भारी कर्ज लेने के जुगाड़ में है।
दरअसल, चीनी मीडिया के हवाले से कहा जा रहा है कि जिनपिंग सरकार अर्थव्यवस्था में 6 लाख करोड़ युआन (करीब 71 लाख करोड़ रुपये) डालने की योजना बना रही है। यह राहत पैकेज विशेष सरकारी बॉन्ड के जरिए दिया जाएगा, ताकि लंबे समय में चीनी अर्थव्यवस्था आगे बढ़ सके। वहीं सरकार यह बॉन्ड 3 साल की अवधि के लिए जारी करने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि कोरोना काल से ही चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन सरकार इस फंड का इस्तेमाल स्थानीय सरकारों यानी राज्यों और निकायों की बैलेंस शीट सुधारने के लिए करना चाहती है। चीन के ज्यादातर राज्यों की बैलेंस शीट भारी कर्ज के कारण दबाव में आ गई है, जिसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है।
बता दें कि, चीन के वित्त मंत्री लैन फो ने भी पिछले हफ्ते संकेत दिया था कि देश की अर्थव्यवस्था को जल्द ही नई राहत मिलेगी। पिछले महीने भी नेशनल पीपुल्स कांग्रेस कमेटी ने शेयर बाजार और रियल एस्टेट को उबारने के लिए बड़ा राहत पैकेज जारी किया था। गौरतलब है कि, चीनी सरकार अपनी स्थानीय सरकारों और निकायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जो कर्ज लेने जा रही है, उसका आकार इन सरकारों पर कुल कर्ज का सिर्फ 10 फीसदी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पिछले साल एक आंकड़ा जारी कर बताया था कि चीन की स्थानीय सरकारों पर वाहन वित्त से जुड़ा करीब 710 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में 71 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज से इन सरकारों का बोझ कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
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