India News (इंडिया न्यूज़),India-West Asia-Europe Economic Corridor: G-2O शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने कुछ ऐसे ऐलान किए जो भारत के साथ -साथ देश के कुछ और देशों के लिए अहम है। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) जिसे लेकर चीन भी डरा हुआ है। बता दें भारत ने रेल-सड़क और जहाज से यूरोप तक पहुंचने का खाका खींच दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) बनाने के प्रोजेक्ट का ऐलान कर दिया है। ऐसे में चीन के विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है।
चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा ये कहा गया है कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा अगर ‘भूराजनीतिक हथकंडा’ नहीं बनाता है तो इसका स्वागत करते हैं। मंत्रालय ने कहा,”चीन विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करने वाली सभी पहलों और कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ावा देने की कोशिशों को स्वागत करता है, लेकिन कनेक्टिविटी की पहल खुली, समावेशी और तालमेल बनाने वाली होनी चाहिए और भू-राजनीतिक हथकंडा नहीं बननी चाहिए।”
Economic Corridor
बता दें इस इकोनॉमिक कॉरिडोर को कई मायने में बेहद अहम माना जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में शामिल सभी देशों ने MoU पर साइन भी किए हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि IMEC प्रोजेक्ट सीधे तौर पर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को चुनौती देगा, जिस पर चीन बीते 10 सालों से पानी की तरह पैसा बहा रहा है। अब तक चीन ने BRI प्रोजेक्ट पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं।
बता दें कि IMEC के तहत भारत के पोर्ट को जलमार्ग के जरिए UAE से जोड़ा जाएगा। फिर इसको सड़क और रेल मार्ग के जरिए सऊदी से जोड़ा जाएगा। इसके बाद इसको जॉर्डन, इजरायल और इटली से जोड़ दिया जाएगा। साल 2013 में चीन ने BRI प्रोजेक्ट का आगाज किया था। बीते 10 सालों में दुनिया के 150 से ज्यादा देश चीन के साथ BRI समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। चीन अक्टूबर में तीसरे बेल्ट एंड रोड फोरम की मेजबानी करेगा।
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