इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के एयरोस्पेस कमांडर ने दावा किया है कि ईरान ने एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का निर्माण किया है। ईरान की सेमी-ऑफिशियल न्यूज एजेंसी ‘तस्नीम’ ने इसकी जानकारी दी है। ये दावे क्षेत्र में ईरानी मिसाइल क्षमताओं के बारे में चिंताओं को बढ़ा सकते हैं। कमांडर आमिर अली हाजीजादेह के हवाले से कहा गया, ‘यह मिसाइल तेज गति वाली है और वातावरण के अंदर और बाहर पैंतरेबाजी कर सकती है। यह दुश्मन के एडवांस एंटी-मिसाइल सिस्टम को टारगेट कर सकती है और मिसाइलों की दुनिया में एक लंबी छलांग है।’
आपको बता दें ,हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से कम से कम पांच गुना तेज और एक जटिल पथ पर उड़ान भर सकती है, जिससे उन्हें रोकना मुश्किल हो जाता है। अगर ईरान का दावा सच है तो यह इजरायल और अमेरिका के लिए खतरे की घंटी हो सकती है लेकिन ईरान की ओर से इस तरह के किसी मिसाइल टेस्ट की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। ईरान के सुसाइड ड्रोन भी यूक्रेन में भारी तबाही मचा रहे हैं जिनका इस्तेमाल रूसी सेना कर रही है।
North Korea fired missiles towards Japan
जानकारी हो, अमेरिका और इजरायल के पास अभी भी हाइपरसोनिक मिसाइलें नहीं हैं। वहीं रूस और चीन के पास यह हथियार है और उत्तर कोरिया इसका दावा करता है। पश्चिम की मानें तो ईरान के दावों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। खबरों के मुताबिक ईरान ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच एक बड़ा घरेलू हथियार उद्योग विकसित किया है लेकिन पश्चिमी सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि ईरान कभी-कभी अपनी हथियार क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है। इससे पहले ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड ने उपग्रह ले जाने वाले वाले एक नए रॉकेट का प्रक्षेपण किया था।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ ने बताया कि रॉकेट पृथ्वी से लगभग 500 किलोमीटर (310 मील) की दूरी पर 80 किलोग्राम (176 पाउंड) वजन वाले उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा। अमेरिका ने इस तरह की कार्रवाइयों को ‘अस्थिर करने वाला’ करार दिया है क्योंकि उसका मानना है कि स्पेस लॉन्च व्हीकल्स का इस्तेमाल परमाणु हथियार ले जाने के लिए किया जा सकता है।