संबंधित खबरें
कुवैत में पीएम मोदी को ऐसा क्या मिला जिससे दुश्मनों की उड़ी होश, 20वीं बार कर दिखाया ऐसा कारनामा..हर तरफ हो रही है चर्चा
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी डॉलर नहीं, इस इस्लामिक देश की मुद्रा का पूरी दुनिया में बजता है डंका, वजह जान फटी रह जाएंगी आंखें
PM Modi के मजबूत नेतृत्व के सामने झुकी अमेरिका, बदलना पड़ा ये कानून, मुंह ताकते रह गए जिनपिंग-शहबाज
न अमेरिका, न यूरोप, 1 टीवी शो की वजह से रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ गई जंग, वो एक्टर जो आगे चलकर बना राष्ट्रपति और बर्बाद कर दिया अपना देश
दुश्मनों के बदले अपने ही लड़ाकू विमान पर दाग दिया गोला, अब दुनिया में बन रहा है मजाक, जाने जेट पायलटों का क्या हुआ हाल?
यूक्रेन ने युद्ध के मैदान में उतारी रोबोट सेना, रूसी सेना के खिलाफ दर्ज की पहली जीत, पुतिन की बढ़ गई सांसे
India News (इंडिया न्यूज), Israeli Soldier Sperm: गाजा संघर्ष के कारण पिछले साल अक्टूबर से इजराइल में मारे जाने वाले नागरिकों और सैनिकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही उनके शवों से शुक्राणु निकालने का चलन भी बढ़ा है। फिलहाल इजराइल में मृत्यु के बाद शुक्राणु निकालने को लेकर कोई कानूनी नियम नहीं है। हालांकि, अब ऐसा करने वालों की संख्या बढ़ने पर देश में बहस शुरू हो गई है और सांसदों ने कानून बनाने पर विचार करना शुरू कर दिया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के महीने इजराइल के लिए काफी दर्दनाक रहे हैं। 7 अक्टूबर 2023 से अब तक युद्ध में करीब 1600 इजराइली मारे जा चुके हैं। 1600 में से 170 सैनिकों और आम लोगों के शुक्राणु सुरक्षित रखे गए हैं। यह आंकड़ा करीब 15 फीसदी है। पिछले साल यह संख्या काफी कम या यूं कहें कि एक फीसदी थी।
डॉक्टरों का कहना है कि किसी की मौत के 72 घंटे के अंदर यह सर्जरी करनी होती है। इस प्रक्रिया में अंडकोष में चीरा लगाना होता है और टिश्यू की मदद से उसे लैब में भेजा जाता है। वहां इसे तब तक जमा कर रखा जाता है जब तक परिवार को शुक्राणु के इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिल जाती। इजराइल में सैनिक ज्यादातर युवा होते हैं, इसलिए शुक्राणु के ठीक होने की संभावना अधिक होती है।
लंदन में अकाय के जन्म के 7 महीने बाद मुंबई लौटेंगी Anushka Sharma? बेटे की दिखाएंगी पहली झलक!
बता दें कि, पहले यह प्रक्रिया तभी की जाती थी जब परिवार इसके लिए अनुरोध करता था। कोर्ट से मंजूरी भी मिल जाती थी, लेकिन अब यह कानूनी बाध्यता नहीं है। यही वजह है कि शुक्राणु रखने वालों की संख्या बढ़ गई है। इससे संबंधित विधेयक पारित करने के प्रयास सफल नहीं हो पाए हैं। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि परिवारों को यह साबित करना होगा कि मृतक व्यक्ति बच्चे पैदा करना चाहता था, तभी शुक्राणु निकालने की अनुमति दी जाएगी। यहूदी धार्मिक नेता सैनिकों से पहले से लिखित सहमति लेने का प्रावधान चाहते हैं।
वहीं, कुछ लोग शव से शुक्राणु निकालने के पूरी तरह खिलाफ हैं। कुछ लोगों का कहना है कि शव को पूरा ही दफना देना चाहिए। दूसरे लोग इसे संवेदनशील मुद्दा बता रहे हैं। इस देश में कानूनी लड़ाई चल रही है। परिवार को अदालत में यह साबित करने में समय लग रहा है कि मृतक बच्चे चाहता था। ओसर का जन्म इजरायली सैनिक कीवान की मृत्यु के 11 साल बाद हुआ था, कीवान की मृत्यु के समय उसकी आयु 20 वर्ष थी। कीवान के माता-पिता अपने मृत बच्चे के शुक्राणु को सुरक्षित रखने वाले पहले इजरायली थे।
World Most Dangerous Countries: ये हैं 2024 के वो 5 खतरनाक देश, जान प्यारी हैं तो भुलकर भी न जांए
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.