The Rescue
इंडिया न्यूज, बैंकाक:
2018 में थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में फंसे 12 युवा फुटबॉल खिलाड़ियों और उनके कोच को बचाने के संघर्ष पर फिल्म द रेस्क्यू थाईलैंड के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के रिलीज होने के बाद से निर्माता एलिजाबेथ चाई वासरेली और उनके पति जिमी चिन खुश भी हैं और साथ ही भावुक भी हैं। इसका कारण उनकी 3 साल की मेहनत है जो अब रंग लाई है।
दरअसल, एलिजाबेथ चाई वासरेली चाहती थी कि इस डाक्यूमेंट्री में संपूर्ण वास्तविकता दी जाएं। कहीं भी कोई कसर न रह जाएं। इसलिए 3 साल से अब फिल्म तैयार होने तक वे इस घटना से जुड़े फुटेज खंगालने में लगे रहे। वे बताती हैं कि लोगों को अभियान के बारे में उतना ही पता था, जितना स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय चैनलों व मीडिया ने बताया था। इसलिए वासरेली लोगों तक सारी जानकारी जुटाना चाहती हैं कि कैसे रेस्क्यू आपरेशन चला और कहां कहां दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके लिए वासरेली ने ब्रिटिश गोताखोरों से अभियान के दृश्य रीक्रिएट करवाने के लिए ब्रिटेन के स्टूडियो में एक मानव निर्मित तालाब बनवाया।
फिल्म का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका था लेकिन वासरेली अभियान से जुड़े कुछ और पलों को जिंदा करना चाहती थी, जो घटना की गंभीरता बता सकें और ये अहम पल थाई सेना के नेवी सील्स के पास थे। दो साल तक लगातार मेहनत के बाद भी सेना उन्हें ये फुटेज देने के लिए राजी नहीं हुई थी। वासरेली को नेवी कमांडर अपार्कोर्न यूकोंगकाव, उनकी पत्नी ससिविमोन और टीवी पत्रकार से मई 2021 में ही मुलाकात का मौका मिला। जब वे न्यूयॉर्क लौटीं तो उनके पास अभियान के 87 घंटों के ओरिजिनल फुटेज भी थे।
वासरेली कहती हैं कि यह सपना सच होने जैसा था लेकिन बुरे सपने जैसा भी क्योंकि फिल्म पूरी बन जाने के बाद यह फुटेज मिली थी। इसके लिए फिल्म को बदला गया। क्योंकि वे 3 साल की मेहनत को बेकार नहीं जाने देना चाहती थी। इतना हीं नहीं, इस फिल्म में गोताखोरों की भूमिका सबसे बड़ी रही। क्योंकि रेस्क्यू आपरेशन में इन गोताखोरों ने ही अहम जिम्मेदारी निभाई थी। वासरेली ने वे सब दृश्य हूबहू दिखाने की कोशिश की जो गुफा में हुआ था।