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India News(इंडिया न्यूज),Saudi Arabia: सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने पाकिस्तान में अत्याधुनिक और डीप कन्वर्जन रिफाइनरी के स्थापित करने के फैसले को बदल के पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि, 10 अरब डॉलर की लागत से बनने वाली इस रिफाइनरी की स्थापना के लिए पाकिस्तान ने सऊदी अरब पर जमकर डोरे डाले थे। इसके बाद सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको ने पाकिस्तान में रिफाइनरी की स्थापना पर हामी भी भर दी थी। जिसके बाद खबर ये सामने आ रही है कि, सऊदी अरामको कंपनी इस परियोजना में निवेश करने में दिलचस्पी नहीं रखती है। बता दें कि, अगर यह डीप कन्वर्जन रिफाइनरी बनकर तैयार होती तो इससे प्रति दिन 300000 बैरल कच्चे तेल को रिफाइन किया जा सकता था।
जानकारी के लिए बता दें कि, इस डील के खत्म होने के बाद पाकिस्तान अब मुश्किल में आ गया है। क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने एक नई हरित रिफाइनरी नीति अधिसूचित की है जिसमें सऊदी सरकार की इच्छा के अनुसार 25 वर्षों के लिए 7.5% डीम्ड ड्यूटी और 20 वर्षों के टैक्स छूट के भारी प्रोत्साहन शामिल हैं। जिसके बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि अब, सऊदी अरामको के शीर्ष पदाधिकारियों ने, पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ हालिया बातचीत में संकेत दिया है कि अरामको ने खुद को सऊदी सरकार से अलग कर लिया है और काफी हद तक विनियमन हासिल कर लिया है।
डील के बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि, पाकिस्तान को अरामको ने संकेत दिया था कि वह रिफाइनरी में अपनी इक्विटी को परियोजना की कुल इक्विटी में से 900 मिलियन डॉलर तक कम कर सकता है। 900 मिलियन डॉलर का निवेश परियोजना में कुल $3 बिलियन इक्विटी के 30% के बराबर है। इससे पहले, कुल इक्विटी $ 3 बिलियन पर काम किया गया था और शुरुआत में सऊदी अरब ने 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने की इच्छा जताई थी। 1.5 बिलियन डॉलर की शेष इक्विटी की व्यवस्था पाकिस्तान से की जानी थी। पहले की समझ के अनुसार, सऊदी अरामको को इस परियोजना का नेतृत्व करना था और परियोजना के लिए 7 बिलियन डॉलर के ऋण की व्यवस्था करने में अपने प्रभाव का उपयोग करना था।
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