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India News (इंडिया न्यूज), Saudi Arabia Taliban Political Relations: सऊदी अरब और तालिबान के बीच कड़वाहट खत्म हो गई है। सऊदी सरकार ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है। सऊदी के इस फैसले से तालिबान काफी खुश है और उसने एमबीएस सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। यानी सऊदी ने काबुल के साथ राजनयिक संबंध बहाल करने का फैसला किया है। बता दें कि, एमबीएस सरकार ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। सऊदी अरब के इस फैसले पर अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिया अहमद की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि, हमें उम्मीद है कि इन गतिविधियों के जरिए सऊदी अरब और अफगानिस्तान के बीच रिलेशन और बेहतर होंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग की भावना भी मजबूत होगी।
सऊदी अरब के इस फैसले से हम वहां रह रहे अफगानों की समस्याओं का जवाब भी दे पाएंगे। इससे पहले रियाद सरकार ने इस फैसले की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था कि अपने भाईचारे वाले अफगान लोगों को सभी सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से 22 दिसंबर से सऊदी अरब सरकार काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलने जा रही है। हालांकि इसपर सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अभी तक दूतावास के प्रतिनिधित्व के स्तर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान में सरकार गिरने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद सऊदी अरब समेत कई देशों की सरकारों ने अफगानिस्तान से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था। उस समय तालिबान ने सभी देशों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की थी कि यह पुराना तालिबान नहीं बल्कि नया तालिबान है, लेकिन अफगानिस्तान में अस्थिर हालात को देखते हुए देशों ने अपने नागरिकों को वहां रखना उचित नहीं समझा और उन्हें वापस बुला लिया।
सऊदी अरब के अलावा पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान और खाड़ी देशों ने भी इसे काफी हद तक स्वीकार कर लिया है। अब तक रूस और चीन जैसे बड़े देशों ने तालिबान को मान्यता दे दी है और अफगानिस्तान में अपने दूतावास भी खोल दिए हैं। हालांकि भारत ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
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