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पाकिस्तान के दोस्त ने ही पीठ में घोंपा छुरा, UN में इस मुद्दे पर भारत का दिया साथ, जानें क्यों PM मोदी से दोस्ती करना चाहते हैं एर्दोगन?

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : September 27, 2024, 9:27 am IST
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पाकिस्तान के दोस्त ने ही पीठ में घोंपा छुरा, UN में इस मुद्दे पर भारत का दिया साथ, जानें क्यों PM मोदी से दोस्ती करना चाहते हैं एर्दोगन?

Turkey On Kashmir Issue: पाकिस्तान के दोस्त ने ही पीठ में घोंपा छुरा

India News (इंडिया न्यूज), Turkey On Kashmir Issue: कश्मीर मुद्दे पर यूएन में पाकिस्तान हमेशा से ही भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है। वहीं, इस मुद्दे पर तुर्की भी पाकिस्तान का साथ देता है। लेकिन इस बार तुर्की ने पाकिस्तान को धोखा दे दिया है। तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में चुप्पी साधे रखी है। साल 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं किया है। दरअसल, यह ऐसे समय में हुआ है, जब तुर्की ब्रिक्स समूह का हिस्सा बनने के लिए प्रयासरत है। न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान एर्दोगन ने कहा कि हम ब्रिक्स के साथ अपने संबंधों को विकसित करने की अपनी इच्छा बनाए रखते हैं, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है।

ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है तुर्की

बता दें कि, ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने पिछले साल समूह का विस्तार करने का फैसला किया था। जिसके बाद मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को इसमें शामिल किया गया। वे 1 जनवरी, 2024 से इसके सदस्य बन गए हैं। सभी सदस्यों के 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के कज़ान में होने वाले ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद है। दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार (25 सितंबर) को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एर्दोआन अगले महीने रूस में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, क्योंकि तुर्की ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह में शामिल होने का अनुरोध किया है। पुतिन ने कहा कि उनका 23 अक्टूबर को एर्दोआन से मिलने का कार्यक्रम है। अगर उन्हें शामिल किया जाता है, तो तुर्की इस समूह में पहला नाटो सदस्य बन जाएगा।

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एर्दोआन ने किया है पाकिस्तान का समर्थन

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान के अलावा एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष थे। जिन्होंने यूएनजीए में कश्मीर मुद्दा उठाया था। सितंबर 2019 में एर्दोगान ने कश्मीर विवाद के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि कश्मीर के लोगों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए, उनके पाकिस्तानी और भारतीय पड़ोसियों के साथ, विवाद को संघर्ष के बजाय न्याय और निष्पक्षता के आधार पर बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। बता दें कि यूएनजीए के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए एर्दोगान ने कहा कि गाजा में न केवल बच्चे मर रहे हैं; संयुक्त राष्ट्र प्रणाली भी मर रही है, सच्चाई मर रही है, पश्चिम जिन मूल्यों की रक्षा करने का दावा करता है वे मर रहे हैं। मानवता की एक बेहतर दुनिया में रहने की उम्मीदें एक-एक करके मर रही हैं।

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