होम / विदेशी शो देखना बना गुनाह : उत्तर कोरिया ने 2 नाबालिग छात्रों को उतारा मौत के घाट, भीड़ के बीच ले जाकर गोलियों से भूना

विदेशी शो देखना बना गुनाह : उत्तर कोरिया ने 2 नाबालिग छात्रों को उतारा मौत के घाट, भीड़ के बीच ले जाकर गोलियों से भूना

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 6, 2022, 8:51 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : उत्तर कोरिया से एक बार फिर दिल दहला देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यहाँ के तानाशाह शासक किम जोंग उन का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया है। जानकारी दें, यहाँ हाई स्कूल के दो छात्रों को इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि इन्होंने दक्षिण कोरियाई नाटक शो ‘के-ड्रामा’ (दक्षिण कोरिया की फ़िल्में-वेब सीरीज) देखा था और इसे शेयर किया था।

रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया में पहली बार इस तरह की सजा दी गई है। हालाँकि, दिसंबर 2020 में उत्तर कोरियाई सरकार द्वारा एक कानून पारित करवाया गया था जिसके तहत के-ड्रामा सहित दक्षिण कोरिया से रिलीज किसी तरह की फिल्म से जुड़ी सामग्री का उपयोग करना एक जघन्य अपराध माना गया था। जिन नाबालिग बच्चों की गोली मारकर हत्या की गई है, उनकी उम्र 16 से 17 साल के करीब होने का अनुमान है।

खचाखच भीड़ के सामने मौत के घाट उतारा

जानकारी के मुताबिक, दोनों नाबालिग अक्टूबर की शुरुआत में उत्तर कोरिया के रयांगगैंग प्रांत के एक हाई स्कूल में मिले थे। यह क्षेत्र चीन की सीमा से सटा हुआ है। वहाँ उन्होंने कई कोरियाई और अमेरिकी नाटक शो देखे। उत्तर कोरियाई सरकार को जैसे ही इस बात की खबर लगी वैसे ही दोनों नाबालिगों को जनता के सामने लाया गया और फिर सरेआम गोली मार दी गई।

बच्चों के नाम के लेकर ही कुछ दिन पहले सुनाया था तुगलकी फरमान

जानकारी दें, सनकी तानाशाह किम जोंग उन अपने अजीबोगरीब और सनक भरे फरमानों के लिए भी अक्सर चर्चा में रहता है। उसका फरमान बच्चों के नाम को लेकर आया है। इसके तहत बच्चों के नाम के लिए उन कोरियाई शब्द तय किए गए हैं जिनका अर्थ बम, बंदूक, सैटेलाइट वगैरह है। कहा गया है कि बच्चों के नाम नाजुक होने की जगह सख्त होने चाहिए और उससे देशभक्ति की झलक मिलनी चाहिए।

बच्चों के चोंग इल (बंदूक), चुंग सिम (वफादारी), पोक इल (बम) और यूआई सॉन्ग (सैटेलाइट) जैसे नाम रखने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही दक्षिण कोरिया में ए आरई (प्यार करने वाला) और सु एमआई (सुपर ब्यूटी) जैसे प्रचलित नाम जिनसे प्यार, सुंदरता जैसे भावनाओं का प्रकटीकरण होता है उनको बदलने के भी आदेश दिए गए हैं। किम जोंग के मुताबिक ये नाम पश्चिमी संस्कृति से प्रेरित हैं।

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