इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Mustard Oil Price : जैसा की आप जानते ही होंगे की पिछले काफी दिनों से रूस-यूक्रेन दोनों देशों में आपसी मतभेद के कारण युद्ध चल रहा है। वैसे तो इन दोनों देशों के युद्ध का असर पूरे विश्व पर दिखाई दे रहा है।
International व्यापार और आयात-निर्यात न होने के कारण भी महंगाई बढ़ी है। भारत में भी इसका काफी असर देखने को मिला है। काफी वस्तुओं के दामों में वृद्धि देखने को मिल रही है।
यूपी में सर्वाधिक सरसों के तेल के भाव की बात करें तो पिछले कुछ महीने पहले सरसों का तेल 210 रुपये के अधिकतम रेट तक पहुंच गया था। बाजार के विशेषज्ञों को कहना है कि जल्द ही यूपी में सरसों के तेल के रेट 150 रुपये से नीचे पहुंचेंगे। Mustard Oil Price
निवेशक वायदा बाजारों में निवेश करने से कतरा रहे हैं। भारतीय वायदा जिस कारण लगातार महंगाई बढ़ रही है। सोना और चांदी के साथ पेट्रोलियम पदार्थों के दाम भी अगले कुछ दिनों में बढ़ने के आसार हैं। वहीं भारतीय बाजार में खाद्य पदार्थों के साथ सरसों के तेल दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं।
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। कच्चा सोयाबीन तेल अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात किया जाता है। वहीं कच्चा सूरजमुखी तेल मुख्य रूप से यूके्रन, रूस और अर्जेंटीना से आयात किया जाता है। यही कारण है कि रूस-यूके्रन युद्ध के कारण पाम और सूरजमुखी के तेल का आयात रूक गया है। जिस कारण देश में सरसों के तेल की डिमांड के साथ दाम भी बढ़ गए हैं।
एसईए के अनुसार साल 2021 में 1,17,000 करोड़ रुपये का खाद्य तेल का आयात किया गया है। जो वर्ष 2019-20 में 71,625 करोड़ था। Mustard Oil Price
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