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International Day Of Women & Girls In Science: आज के दिन मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

Rajesh kumar • LAST UPDATED : February 11, 2024, 3:17 am IST

India News (इंडिया न्यूज),International Day Of Women & Girls In Science: हर साल 11 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल इस आयोजन को 6 साल हो गए हैं। इस वर्ष इसकी थीम “कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे महिला वैज्ञानिक” है।

यूनेस्को के अनुसार, इस वर्ष लगभग 30 प्रतिशत छात्राओं ने उच्च शिक्षा के लिए एसटीईएम से संबंधित क्षेत्रों को चुना है। वैश्विक स्तर पर, प्राकृतिक विज्ञान, आईसीटी, गणित-सांख्यिकी और निर्माण, इंजीनियरिंग और विनिर्माण में महिला छात्रों का नामांकन विशेष रूप से कम है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस का इतिहास

2015 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया। इस दिन को यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा लागू किया गया था। यूनेस्को की वैश्विक प्राथमिकता लैंगिक समानता है। ऐसे में यह युवा लड़कियों को उनकी शिक्षा में मदद करता है और उन्हें अवसर प्रदान करता है। यूएजीए का लक्ष्य महिलाओं और लड़कियों के लिए विज्ञान में पूर्ण और समान पहुंच और भागीदारी हासिल करना है। इसका लक्ष्य लैंगिक समानता हासिल करते हुए विज्ञान को बढ़ावा देना है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस का महत्व

विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। यूनेस्को की वैश्विक प्राथमिकता लैंगिक समानता है, जिसका उद्देश्य लड़कियों को शिक्षा में समर्थन देना और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करना है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस की थीम

वर्ष 2021 की थीम है, “कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महिला वैज्ञानिक सबसे आगे”। यह विषय विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी में सामाजिक पहलुओं और सांस्कृतिक आयामों के मूल्य पर केंद्रित है।

आपको बता दें कि इस साल कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया जाएगा। इस दौरान उन महिलाओं की भूमिका पर फोकस किया जाएगा जो कोरोना के खिलाफ दुनिया की लड़ाई के दौरान सबसे आगे खड़ी रहीं। साथ ही सतत विकास, लैंगिक समानता और विज्ञान के लिए 2030 एजेंडा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी।

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