Stress Relief Tips: कॉर्पोरेट वर्ल्ड बाहर से जितना सुंदर और आलीशान दिखता है. उसके अंदर की सच्चाई उतनी ही दर्दनाक और टोक्सिक है. यहां किसी के इमोशन, खराब तबीयत या फिर उसके काम की तारीफ किसी के लिए कोई मायने नहीं रखती. मायने रखता है तो केवल टारगेट. इस टारगेट के पीछे भागने की रेस में आप, मैं और हम सभी लग जाते हैं, क्योंकि टारगेट पूरा नहीं तो नौकरी नहीं. आज के समय में नौकरी पाना भी बहुत मुश्किल है. बॉस को किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता, उसके पूरा चाहिए तो वह बस टारगेट. काम का प्रेशर और पास आती डेडलाइन कई बार लोगों की सेहत पर भी असर डालती है. लेकिन बॉस की तीखी निगाहें लोगों को अपनी सेहत नजरअंदाज कर टारगेट के पीछे दोड़ने को मजबूर कर देती है. इसी कारण आज के समय में कॉर्पोरेट दुनिया किसी ‘जहन्नुम’ से कम नहीं है.
कई बार लोग इस टोक्सिक माहौल से बचने के लिए नौकरी छोड़ दूसरी जगह चले जाते हैं. लेकिन ऑफिस बदलने से वर्क लोड कम होगा या माहौल अच्छा होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है. कॉर्पोरेट में काम करने वालों को सबकुछ भुलाकर केवल टारगेट पूरा करना होता है. क्योंकि ये टारगेट ही है, जो उनके सैलरी को समय पर क्रेडिट कराएगा. कई बार जॉब में परेशानी के कारण भी ऑफिस नहीं छोड़ पाते हैं, क्योंकि परिवार की जिम्मेदारी से वह छूटकारा नहीं पा सकता. इसी कारण लोग ऑफिस का तनावपूर्ण माहौल भी बर्दाशत करते हैं. लोगों को बॉस का नहीं बल्कि उनके परिवार की जरुरत कौन पूरी करेगा, इसका डर सताता है. इसे मैनेज करने के कुछ आसान टिप्स हम आपके लिए लेकर आए हैं. आइए जानते हैं ऑफिस की परेशानी को किस तरह से कम किया जा सकता है.
Zepto Blinkit Strike News: 31 दिसंबर, नए साल की शाम के लिए एक और हड़ताल की…
Shujalpur Child Lost School Bag Story: शुजालपुर में कक्षा 3 की छात्रा का सवारी ऑटो में…
Indian Idol Viral Performance: इंडियन आइडल (Indian Idol) के मंच पर हाल ही में एक…
Malaika Arora Red Saree Stunning Look: 50 की उम्र में भी मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) अपने…
3 Year Old Girl: दिल्ली के एक घर में छोटी-सी खरीददारी ने पूरे परिवार का…
Nia Sharma Laughter Chef Comeback: टीवी की ग्लैमरस क्वीन निया शर्मा (Nia Sharma) ने अपनी…