India News (इंडिया न्यूज), Budhni Vidhan Sabha Seat: मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीट में बुधनी चर्चा हमेशा बनी रहती है। जानकारों की माने तो प्रदेश की मुख्यमंत्री का रास्ता इसी सीट से होकर जाता है। बीजेपी की तरफ से इस सीट में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस सीट से लड़ रहे हैं।
उनके निर्वाचन क्षेत्र बुधनी के 2.7 लाख मतदाताओं में से अधिकांश लोग खुश नहीं हैं। उन्हें लगता है कि उनके मामा को पार्टी नेतृत्व साइड कर रहा है और वे परेशान हैं। चौहान ने हाल ही में कहा था कि मैं जब चला जाऊंगा तो बहुत आऊंगा। साथ ही उनसे पूछा था कि क्या मुझे फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
फिलहाल शिवराज सिंह चौहान अपने करियर में सबसे कठिन चुनौती का सामाना कर रहे हैं। बुधनी में उनके समर्थक इसे उनकी पार्टी की तरफ से उपेक्षा के रूप में देख रहे हैं।
उन्होंने बुधनी से लगातार चार बार 2006 (उपचुनाव), 2008, 2013 और 2018 में जीत हासिल की। चौहान ने 1990 में पहली बार इस सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा।
बुधनी विधानसभा की दूरी भोपाल से करीब 70 किमी दूर है और यह नर्मदा तट पर बसा है। बुधनी ने शिवराज सिंह चौहान को पांच बार विधानसभा के लिए चुना है। 2006 के बाद से बुधनी के लोग शिवराज सिंह चौहान को अपना मानते हैं।
आपको बता दें, 17 वर्षों से यह मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है। इस पर बुधनी के लोगों को गर्व और फायदा है।
वहीं, बीजेपी की तरफ से इस बार उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया गया है, इससे बुधनी के मतदाता नाराज हैं। साथ ही आंदोलन की धमकी दे रहे हैं। बुधवार को हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की टीम ने बुधनी का दौरा किया था तो लोगों में स्पष्ट गुस्सा दिख रहा था। साथ ही उन्हें उम्मीद है कि वह वापसी करेंगे। झंडा क्षेत्र चौक पर अजय मांझी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में मामा को देखना चाहता हूं। अन्यथा हम धरने पर बैठेंगे।
चौहान का नाम पहली तीन सूचियों में नहीं था, जिससे उनके खेमे में हंगामा मच गया।
वहीं, 22 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधनी में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा का नेतृत्व किया। इस दौरान सीएम शिवराज के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान वहां मौजूद थे।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नेता हैं और रिकॉर्ड चार बार शीर्ष पद पर रहे हैं। उन्होंने बुधनी से लगातार चार बार 2006 (उपचुनाव), 2008, 2013 और 2018 में जीत हासिल की। शिवराज सिंह चौहान ने 1990 में पहली बार इस सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था। नर्मदा नदी के तट पर स्थित सीहोर जिले का बुधनी शिवराज सिंह चौहान का गढ़ रहा है। सत्तारूढ़ बीजेपी ने उन्हें 17 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में छठी बार उनके गृह क्षेत्र से फिर से मैदान में उतारा है।
दरअसल बुधनी विधानसभा सीट सन 1957 में अस्तित्व में आई थी। तब हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सूरजकला ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। हलांकि, इस सीट पर अंतिम बार कांग्रेस को 1998 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई थी। तब इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर देवकुमार पटेल ने जीत दर्ज की थी।
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