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Coronavirus History 1960 के दशक में हुई थी 'कोरोना' की शुरुआत, 'मुर्गियों' में पाया गया था वायरस

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: Coronavirus History : 2019 में चीन के वुहान शहर से फैला एक रहस्यमय संक्रमण ने (जिसका नाम डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस रखा) 2020 में पूरी दुनियाभर में तहलका मचा के रख दिया। अभी दुनिया कोरोना वायरस से उभर भी नहीं पायी थी कि 2021 में कोरोना का नया वायरस ने लोगों […]

BY: Sameer Saini • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Coronavirus History : 2019 में चीन के वुहान शहर से फैला एक रहस्यमय संक्रमण ने (जिसका नाम डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस रखा) 2020 में पूरी दुनियाभर में तहलका मचा के रख दिया। अभी दुनिया कोरोना वायरस से उभर भी नहीं पायी थी कि 2021 में कोरोना का नया वायरस ने लोगों के दिलों में फिर डर बना दिया है। (डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के नए वायरस का नाम ओमिक्रॉन रख दिया)।

मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…

Booster Dose of Corona Vaccine

लोगों को ओमिक्रॉन से मुक्ति मिल भी नहीं पाई थी कि कोरोना के एक और नए वेरिएंट ‘डेल्मिक्रॉन’ ने सबकी चिंता और बढ़ा दी है। आपको बता दें कि सबसे पहले कोरोनावायरस प्रकार की खोज 61 साल पहले ही की जा चुकी है, उसके बाद से इसने कई बार इंसानों को अपनी चपेट में लिया। आइए जानते हैं कहां से आया कोरोना, कब हुई थी इसकी शुरूआत।

आपको बता दें कि कोरोनावायरस की सबसे पहली खोज 1960 के दशक में हुई थी, तब इसे ब्रॉन्काइटिस वायरस कहते थे। यह वायरस उस समय मुर्गियों में पाया गया था। इसके बाद इससे ज्यादा खतरनाक पीढ़ी इंसानों की नाक और गले में खोजी गई। इंसानों की नाक और गले में कोरोनावायरस के दो प्रकार मिले। इनका नाम है ह्यूमन कोरोनावायरस 229ई और ह्यूमन कोरोनावायरस ओसी43 ये दोनों ही वायरस खतरनाक हैं। सामान्य सर्दी जुकाम से शुरू होकर घातक निमोनिया तक का रूप ले लेते थे। (Coronavirus History)

Coronavirus History

2003 में कोरोनावायरस का सबसे खतरनाक रूप सामने आया, जिसे सार्स-को का नाम दिया गया। इस वायरस की वजह से दुनिया भर में 8096 लोग संक्रमित हुए थे। इनमें से 774 लोगों की मौत भी हुई थी।

साल 2004 में कोरोनावायरस का नया रूप देखने को मिला। इसका नाम है ह्यूमन कोरोनावायरस एनएल63 था, ये वायरस नीदरलैंड्स के सात माह के बच्चे में मिला था। इसके बाद इस संक्रमण की पूरी दुनिया से आई। लेकिन इससे किसी की मौत नहीं हुई। (Coronavirus History)

वर्ष 2005 में कोरोनावायरस का अलग रूप आया। इसका नाम ह्यूमन कोरोनावायरस एचकेयू1 था । यह वायरस चीन के शेंनझेन के एक 70 वर्षीय बुजुर्ग आदमी में पाया गया था, जिसे बाइलेटरल निमोनिया हुआ था। इस वायरस के 10 शिकार ऑस्ट्रेलिया में मिले। लेकिन इससे किसी की मौत नहीं हुई।

बता दें सात साल बाद 2012 में कोरोनावायरस ने मध्यपूर्वी एशिया में फिर से हमला किया। इस वायरस को सबसे पहले सउदी अरब में खोजा गया था। इसका नाम था मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस था। 2015 में यह वायरस फिर फैला, तब इसने सउदी अरब, जॉर्डन, कतर, मिस्र, यूएई, कुवैत, तुर्की, ओमान, अल्जीरिया, बांग्लादेश, आॅस्ट्रिया, यूके, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, चीन और इंडोनेशिया में लोगों को संक्रमित किया। इसकी वजह से कुल 186 लोग बीमार पड़े और 38 लोगों की मौत हुई थी। (Coronavirus History)

Coronavirus Third Wave Vs Omicron Variant

वहीं फिर नवंबर 2019 से चीन के शहर वुहान में मिला कोरोना वायरस ने देखते ही देखते 2020 तक पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में लाखों से अधिक लोगों की जान ले ली है, जबकि करोड़ से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है।

कैसे पड़ा कोरोनावायरस का कोविड-19 नाम?

दरअसल कोविड-19 संक्षेप में है। इसका पूरा नाम है कोरोना वायरस डिजीज। चूंकि यह बीमारी 2019 में फैली इसलिए पूरा नाम कोरोना वायरस डिजीज 2019 हुआ। अब कोरोना का को, वायरस का वीआई और डिजीज का डी मिलाकर कोविड-19 नाम कर दिया गया। कोविड-19 उस महामारी का नाम है जो सॉर्स-को2 वायरस से होती है।

Coronavirus History

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