India News ( इंडिया न्यूज़): समाज की संवेदना कितनी मर गई है और इंसानी बस्तियां किस कदर जिंदा लोगों का श्मशान होती जा रही हैं, इसका बड़ा उदाहरण है महाकाल की नगरी उज्जैन के बड़नगर की घटना, इस वीभत्स कांड ने समूचे देश को झकझोर दिया है। एक बलात्कार पीड़िता नाबालिग बच्ची इलाके में लगभग ढाई घंटे तक लोगों से मदद मांगती रही और लोग चुपचाप देखते रहे, आप सोचिए कि खून से सनी एक बच्ची जिसकी देह पर पूरे कपड़े नहीं थे, वह मुश्किल से चल पा रही रही थी, उस हाल में भी अपना शरीर ढंकने की नाकाम कोशिश कर रही थी, मुहल्लों से गुजरती जा रही थी, रोती-चीखती मदद की गुहार लगाती जा रही थी और कहीं से कोई आगे नहीं बढ़ा, आंखों के आगे यह तस्वीर घूम जाती है और दहला जाती है।
हम तरक्की की राह पर जितना आगे बढ रहे हैं, इंसानियत के लिहाज से उतना ही फटेहाल होते जा रहे हैं, अभी दस रोज पहले की बात है, इटावा में एक घायल पिता के लिए बेटी एंबुलेंस के लिए आवाज लगाती रही। मेरे पिता को बचा लो, एंबुलेंस बुला दो- चीखती रही, मगर क्या मजाल की किसी में भी इंसानियत जागती, लोग बहुत थे मगर सभी वीडियो बनाने में लगे हुए थे, बेहोशी की हालत में उस लड़की का पिता करीब 45 मिनट तक सड़क पर पड़ा रहा।
महाराष्ट्र में नागपुर से मुंबई जा रही जिस बस का बुलढाणा में एक्सिडेंट हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, उसमें बचे लोगों की आपबीती भी मरती इंसानियत औऱ पत्थर बन रहे लोगों की गवाहियां हैं, बस में एक्सिडेंट के बाद आग लग गई थी, लोग शीशे तोड़कर निकल रहे थे, कुछ की किस्मत ठीक थी, वे निकल पाए लेकिन 26 लोगों को उस आग ने लील लिया, जो लोग बस का शीशा तोड़कर घायल अवस्था में निकले वे सड़क पर मदद के लिए तड़प रहे थे। गाड़ियां आ-जा रही थीं, लेकिन मदद नहीं मिल सकी कोई रुका नहीं, रुका भी तो बस कुछ देख देखकर आगे बढ गया।
कई दफा सड़क पर हत्या होती है और लोग देखते रहते हैं, कुछ तस्वीरों को देख कर लगता है कि कोई एक आदमी साहस करके हत्यारे को पीछे से पकड़ लेता तो आसपास के कुछ लोग लपककर उसको दबोचने को तैयार दिख रहे थे, मगर पहला आदमी कौन हो इस चक्कर में एक इंसान सड़क पर घोंप-घोंप कर मार दिया जाता है।
उज्जैन की बलात्कार पीड़िता नाबालिग बच्ची का वीडियो किसी को भी दहला देगा, सारी बस्ती मुर्दाघर लग रही है, उन जिंदा लाशों के बीच एक इंसान निकला, 21 साल के राहुल शर्मा जो वहीं एक गुरुकुल में रहते हैं। उस लड़के ने लहूलुहान लड़खड़ाती उस बच्ची को देखते ही समझ लिया कि उसपर क्या गुजरी है। अपने अंगोछे से उसका शरीर ढंका, बच्ची को अपनी पत्नी के पास ले गए, पुलिस को फोन किया, फोन नहीं उठा तो पास के थाने को फोन किया और बच्ची का अब इलाज चल रहा है। उज्जैन पुलिस बच्ची के साथ दरिंदगी करने वालों की तलाश में जुटी हुई है, उसने यह संपादकीय लिखे जाने तक 3 ऑटोवालों और दो अन्य लोगों को हिरासत मे लिया है।
बच्ची मध्य प्रदेश के ही सतना जिले की है, वह 24 सितंबर को घर से स्कूल गई थी लेकिन लौटी नहीं तो घरवालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, मां बहुत पहले ही घर से भाग गई थी और पिता भी मानसिक रुप से विक्षिप्त है। पुलिस के पास बच्ची के दादा गए थे, अब सवाल यह भी है कि बच्ची सतना से उज्जैन कैसे गई, उसके साथ ऐसी वीभत्स घटना कैसे हुई और वो दरिंदे कौन हैं जिन्होंने ऐसी हैवानियत की।
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