India News (इंडिया न्यूज़), Kisan Andolan, आज समाज नेटवर्क: किसान आंदोलन को अब पांच दिन हो चुके है। पंजाब के किसान दिल्ली जाने की जिद को लेकर शंभू बार्डर पर डटे हुए हैं। पंजाब का किसान संगठन बीकेयू (उगराहां) भी आंदोलन में कूद गया है। यूनियन ने शनिवार से 2 दिन के लिए पंजाब में सभी टोल फ्री करा दिए हैं। पंजाब भाजपा के कई नेताओं के घर के पास किसानों ने धरना देना शुरू कर दिया है। वहीं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के कोआर्डिनेटर सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार चाहे तो अध्यादेश लाकर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दे सकती है। बाद में संसद में बिल लाकर इसे कानून की शक्ल दे सकते हैं। ऐसा पहले कई मामलों में किया भी जा चुका है।
किसान संगठनों की मांगों पर रविवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथी वार्ता होगी। इससे पहले हुई तीन वार्ता बेनतीजा रहीं। बीकेयू उगराहां की तरफ से शनिवार और रविवार को पंजाब के टोल प्लाजा फ्री कर दिए गए हैं। दोपहर 12 बजे किसान सभी टोल प्लाजा पर पहुंचे। किसान जत्थेबंदियों का कहना है कि रविवार शाम 5 बजे तक टोल फ्री रहेंगे। एसकेएम की होने वाली बैठक में निर्णय के बाद ही अगली कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा।
Kisan Andolan
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शंभू बार्डर पर डटे किसानों के समर्थन में पटियाला के धरेड़ी जट्टा टोल प्लाजा पर किसानों ने वाहनों की आवाजाही फ्री करा दी। इसके अलावा नाभा रोड और बनूड़ टोल प्लाजा भी फ्री कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक रविवार को चंडीगढ़ में किसानों से होने वाली मीटिंग में केंद्र सरकार एमएसपी पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है। जिसमें किसान नेताओं से भी सहमति ली जाएगी। इस कमेटी में किसान नेता भी शामिल किए जाएंगे। यह कमेटी टाइम बाउंड होगी। सरकार किसानों को आश्वस्त करेगी कि कमेटी जो भी रिपोर्ट देगी, उस पर प्रभावी एक्शन लिया जाएगा।
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रविवार को चंडीगढ़ में केंद्र-किसानों की चौथी वार्ता तक हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले न दागने का फैसला लिया है। इस दौरान किसान भी शंभू बार्डर पर डटे हुए हैं। शंभू बार्डर पर किसान नेता सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी पर केंद्र सरकार आर्डिनेंस लेकर आए। यह संभव है। 6 महीने के अंदर इसे कानून बनाना होगा। सरकार इसे तुरंत लाकर लागू करे। इससे पहले केंद्र 3 कृषि कानूनों पर भी आर्डिनेंस लेकर आई थी।
पंधेर ने कहा कि हमें धान व गेहूं पर एमएसपी मिल रही है। सरकार बताए कि इसका असर महंगाई पर कैसे पडेगा। जिन फसलों की सरकार खरीद करती है, उनका रेट कम है। जिन फसलों की सरकार खरीद नहीं करती, उनके दाम ज्यादा हैं। ये कहा जा रहा है कि जो किसानों की मांगें हैं, उससे देश की बड़ी पूंजी किसानों पर लग जाएगी। यह भ्रमित करने वाली बात है। उन्होंने कहा कि बहुत सी केलकुलेशन सामने आ चुकी हैं। अगर हम 23 फसलों की भी बात करें तो उन पर 36 हजार करोड़ से चल सकता है।
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