India News (इंडिया न्यूज़),Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को भड़की हिंसा शुरू कहां से हुई, ये सवाल बार-बार उठ रहा है इंडिया न्यूज के पास एक्सक्लूसिव वीडियो है जो साबित करता है कि नलहरेश्वर मंदिर के आउटर कैंपस में मौजूद श्रद्धालुओं पर पहाड़ियों से फायरिंग की गई थी।
वीडियो में नजर आ रहा है कि फायरिंग हो रही है और मंदिर के आउटर कैंपस में मौजूद लोग वहां खड़ी गाड़ियों के पीछे छिपकर जान बचा रहे हैं। इस दौरान एक पुलिस वाला भी गाड़ी के पीछे छिपकर जान बचाता नजर आ रहा है। मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा और मौके पर मौजूद पुलिस वाले भी फायरिंग होने की बात कह चुके हैं।
Nuh Violence: जानिए नूंह हिंसा कैसे और कहां से भड़की
India news की तहकीकात में एक और वीडियो भी मिला है, जिसमें एक सफेद रंग की हुंडई वेन्यू कार, जिसका नंबर PB 31 W 4831 है, दंगाइयों की भीड़ को लीड कर रही है। भीड़ पीछे धार्मिक नारे लगा रही है। कार में मौजूद शख्स बार-बार उन्हें गाइड कर रहा है। इस दौरान मौके पर पुलिस की गाड़ी भी मौजूद थी, लेकिन भीड़ उनसे डरे बिना आगे बढ़ रही है। छानबीन में पता चला कि वीडियो में नजर आ रही जगह दिल्ली-अलवर हाईवे है, जो नूंह शहर के बीच से गुजरता है। हिंसा वाले दिन दोपहर 12 बजे दंगाई पहले होडल चौक पर इकट्ठा हुए और हाईवे पर ही लगभग 2 किलोमीटर चलते हुए तिरंगा पार्क पहुंचे थे।
होडल चौक से रवाना होते समय भीड़ में सिर्फ 20-25 दंगाई थे। जैसे-जैसे ये लोग तिरंगा पार्क की तरफ बढ़े, नूंह शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग इकट्ठा होकर इनके साथ जुड़ते गए। तिरंगा पार्क पहुंचने तक हाईवे पर उपद्रवियों की संख्या 250 से ज्यादा हो चुकी थी। इन उपद्रवियों को कार में बैठा एक शख्स लीड कर रहा था। पुलिस इस वीडियो के आधार पर इस शख्स की तलाश कर रही है।
नलहरेश्वर मंदिर तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा है। आने-जाने के लिए एक ही रास्ता है। दंगाई भीड़ इन्हीं पहाड़ियों से गोली चला रही थी। दंगा भड़कने से मंदिर में फंसे थे 4 हजार लोग 31 जुलाई को जलाभिषेक यात्रा नलहरेश्वर मंदिर से शुरू हुई थी। यात्रा 500 मीटर ही आगे बढ़ी थी कि दंगाइयों ने हमला कर दिया। इसके बाद श्रद्धालु वापस आकर मंदिर में छिप गए। तब दंगाइयों ने पहाड़ी से गोलियां चलानी शुरू कर दी।
मंदिर के सेवादार अमरपाल और यात्रा में शामिल लोगों के मुताबिक, दंगा भड़का तो मंदिर में 4 हजार से ज्यादा लोग फंसे हुए थे। मंदिर में फंसे लोगों ने बताया कि उपद्रव के दौरान मंदिर के अंदर भी गिने-चुने पुलिसकर्मी थे। दंगे भड़के तो आगे निकली यात्रा के लोग वापस मंदिर की तरफ भागे। 4 हजार लोगों को संभालने के लिए मंदिर के अंदर गिने-चुने पुलिसवाले थे। उपद्रवियों ने मंदिर को घेर लिया और फिर जमकर उपद्रव किया। फोर्स को मंदिर आने में घंटों लग गए।
तिरंगा पार्क के पास हिंसा शुरू होने के बाद मंदिर पर फायरिंग की जा रही थी, तब वहां मौजूद पुलिसवालों ने अफसरों से मदद मांगी। पुलिसवालों का मैसेज मिलने के बाद नूंह शहर में मौजूद अफसर तो शिव मंदिर तक नहीं पहुंच सके, लेकिन शिव मंदिर से नूंह शहर के बीच रास्ते में मौजूद क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम के कुछ जवान मंदिर तक पहुंच गए।
ये जवान सादी वर्दी में थे AK-47 राइफल्स से लैस जवानों ने पहाड़ों पर मौजूद जवाबी फायरिंग की, तब दंगाई पीछे हट गए।
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