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इंडिया न्यूज, लीगली स्पीकिंग डेस्क: मुंबई की निचली अदालत ने जावेद अख्तर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने एक समन के खिलाफ गुहार लगाई थी। दरसअल आरएसएस के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में एक वकील ने दिग्गज गीतकार-कवि जावेद अख्तर के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ समन जारी किया था।
याचिकाकर्ता संतोष दुबे ने अक्तूबर 2021 के दौरान आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत जावेद अख्तर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यह याचिका सबअर्बन मुलुंड में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर की गई थी। इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने दिसंबर 2022 के दौरान जावेद अख्तर के खिलाफ समन जारी किया था। 78 साल दिग्गज गीतकार ने इस समन के खिलाफ सत्र अदालत में याचिका दायर की थी।
वकील संतोष दुबे ने लीगली स्पीकिंग को बताया कि सत्र अदालत ने मुलुंड कोर्ट के आदेश के खिलाफ जावेद अख्तर के पुनरीक्षण आवेदन को खारिज कर दिया है। अब जावेद अख्तर को 31 मार्च से पहले मुलुंड अदालत में पेश होना होगा।
याचिकाकर्ता ने जावेद अख्तर पर आरोप लगाया था कि राजनीतिक बढ़त हासिल करने के मकसद से ही जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में आरएसएस का नाम घसीटा था। इस तरह उन्होंने संगठन को बदनाम करने की चेष्टा की। शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने जो बयान दिए, उनका मकसद हिंदूवादी संगठन को बदनाम करना था।
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