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साकीनाका रेप और मर्डर के दोषी मोहन चौहान को फांसी की सजा, कोर्ट ने कहा-ऐसे दुर्लभ मामलों में कड़ी सजा देना जरूरी

इंडिया न्यूज, New Delhi News। Sakinaka rape-murder case : कोर्ट ने साकीनाका रेप और मर्डर के मामले को दुर्लभ मामला बताते हुए दोषी मोहन चौहन (convict Mohan Chauhan) को फांसी की सजा (sentenced to death) सुनाई है। राज्य सरकार ने भी कोर्ट से दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। कोर्ट ने […]

BY: Naresh Kumar • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, New Delhi News। Sakinaka rape-murder case : कोर्ट ने साकीनाका रेप और मर्डर के मामले को दुर्लभ मामला बताते हुए दोषी मोहन चौहन (convict Mohan Chauhan) को फांसी की सजा (sentenced to death) सुनाई है। राज्य सरकार ने भी कोर्ट से दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। कोर्ट ने राज्य सरकार की मांग को स्वीकार कर लिया है।

कोर्ट ने कहा कि दोषी ने पीड़िता के साथ पहले रेप (Sakinaka rape-murder case) किया और फिर बाद में दरिंदगी की सभी हदें पार करते हुए उसकी आंत को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया, जिससे उसका पाचन तंत्र पूरी तरह खराब हो गया था। इसलिए ऐसे मामलों में दोषी को कड़ी सजा देना बहुत जरूरी है।

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Sakinaka rape-murder case

पहले रेप किया और फिर बाद में कर दी थी हत्या

आपको बता दें कि दोषी मोहन चौहान (convict Mohan Chauhan) ने 32 साल की महिला के साथ अंधेरी के साकीनाका (Andheri Sakinaka) इलाके में पहले रेप किया और फिर उसके प्राइवेट पार्ट में हथियार डालकर हत्या कर दी।

पेशे से ड्राइवर था दोषी मोहन चौहान

दोषी मोहन चौहान (convict Mohan Chauhan) पेशे से ड्राइवर था। कोर्ट में जब मामले की सुनवाई चल रही थी तब वह पीड़ित पक्ष के वकीलों को गालियां भी देता था। सरकारी वकील (Government counsel) ने तभी कहा था कि इसमें सुधार की गुंजाइस नहीं है।

सजा सुनते ही जोर-जोर से रोने लगा दोषी

बता दें कि सोमवार को कोर्ट ने मोहन चौहान (convict Mohan Chauhan) को रेप और मर्डर के मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट में जब दोषी से पूछा गया कि उसे कितनी सजा मिलनी चाहिए तो वह जोर-जोर से रोने लगा और आरोप लगाने लगा कि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।

वहीं दोषी के वकील ने कहा कि यह दुर्लभ मामला नहीं है क्योंकि घटना के बाद भी पीड़िता जिंदा थी और अच्छे इलाज से उसे बचाया जा सकता था।

पीड़िता ने अस्पताल में एक दिन बाद ही तोड़ दिया था दम

वहीं जब एक चौकीदार ने महिला को घायल अवस्था में देखा तो उसने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी थी। इसके बाद पीड़िता को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया जहां एक दिन बाद उसकी मौत हो गई थी।

मेडिकल जांच में पता चला था कि उसके प्राइवेट पार्ट में कुछ डाला गया है जिसकी वजह से आंतें फट गईं। चाकू बाहर निकालने के बाद पीड़िता की आंतें भी बाहर आ गई थीं।

इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अदालत में 37 गवाह पेश किए गए थे। वहीं सीसीटीवी फुटेज भी सबूत के तौर पर पेश की गई थी।

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