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India News (इंडिया न्यूज), Nana Patekar with Sanjay Leela Bhansali: खामोशी: द म्यूजिकल में संजय लीला भंसाली के काम से नाना पाटेकर सहमत नहीं थे, जिसके कारण फिल्म की शूटिंग के दौरान कई बार दोनों की बहस भी हुई थी। अपने एक इंटरव्यू में नाना ने एक स्पेशल सीन के बारे में विस्तार से बताया और बताया कि उन्हें क्यों लगा कि यह काम नहीं करेगा। बता दें की इस फिल्म में नाना ने जोसेफ नामक एक बहरे व्यक्ति का किरदार निभाया था।
बातचीत में, जब नाना से पूछा गया कि उनके और भंसाली के बीच मनमुटाव की वजह क्या थी, तो अभिनेता ने शुरू में इस बारे में बात करने से मना कर दिया। फिर उन्होंने हिंदी में कहा, “यह सिर्फ़ एक बहस नहीं थी, कई बहसें थीं। लेकिन संजय एक अच्छे डायरेक्टर हैं। सीन में मेरी पत्नी को दिल का दौरा पड़ता है। मैं उसकी तरफ पीठ करके ताश खेल रहा हूँ। वो मेरे पीछे है। हम दोनों बहरे हैं, बेशक। मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी पीठ पीछे क्या हो रहा है? संजय चाहते थे कि मैं घूम जाऊँ। उन्होंने कहा कि एक जोड़े के बीच एक अनकहा बंधन होता है, लेकिन यह सीन को समझने के लिए मेरे लिए कारण नहीं था। मैंने कहा कि मुझे एक ठोस कारण चाहिए।”
इसके साथ ही फिर उन्होंने कहा, “शायद मैं सीमा से बाहर चला गया। लेकिन मुझे लगता है कि रिश्तों को सिर्फ़ काम तक सीमित नहीं रखना चाहिए। साथ में काम खत्म होने के बाद भी हमें दोस्त बने रहना चाहिए। मैं यही चाहूँगा। फ़िल्में आती-जाती रहती हैं, लेकिन हमारी यादें हमेशा हमारे साथ रहती हैं।”
1996 में रिलीज़ हुई खामोशी: द म्यूजिकल, संजय लीला भंसाली की बतौर डायरेक्टर पहली फ़िल्म थी। इसमें सलमान खान और मनीषा कोइराला अहम किरदार में थे। नाना का किरदार जोसेफ और उनकी पत्नी फ्लेवी ब्रगेंज़ा, दोनों बहरे थे, जो गोवा में रहते थे। उन्होंने मनीषा के किरदार एनी के माता-पिता का किरदार निभाया था। फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन इसे अक्सर अपने समय से आगे की फ़िल्म माना जाता है।
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