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India News (इंडिया न्यूज), अजीत मेंदोला | Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के चुनाव लड़ने संबंधी बयानों ने पार्टी को दुविधा में डाल दिया है। पार्टी तय नहीं कर पा रही है कि वह वाड्रा के बयानों का क्या जवाब दे। क्योंकि मामला गांधी परिवार का है।
पार्टी सूत्रों की माने तो वाड्रा के बयानों ने गांधी परिवार को भी असहज किया हुआ है। वाड्रा जिस हिसाब से लगातार मीडिया को अमेठी से चुनाव लड़ने संबधी इंटरव्यू दे रहे हैं उसे दबाव की राजनीति माना जा रहा है। हालांकि पार्टी ने राय बरेली और अमेठी का फैसला गांधी परिवार पर छोड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश की छानबीन समिति ने इन दोनों सीटों पर केवल दो ही नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे थे। चुनाव समिति ने उसका फैसला गांधी परिवार पर छोड़ दिया। छानबीन समिति ने प्रियंका गांधी का नाम रायबरेली से और राहुल का नाम अमेठी से भेजा हुआ है।
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पार्टी के सूत्रों की माने तो प्रियंका रायबरेली से मैदान में उतर सकती हैं और अमेठी से राहुल गांधी या कोई अन्य भी हो सकता है। अन्य में एक नाम पूर्व विधायक दीपक सिंह का बताया जा रहा है। लेकिन पार्टी जिस हिसाब से चल रही है उससे इतना तो तय है कि इन दोनों सीटों पर कुछ अलग होगा। वाड्रा को तो टिकट मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। गांधी परिवार ऐसा कोई खतरा मोल नहीं लेगा जिससे विवाद हो। यूं भी इस बार के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार की रणनीति कुछ बदली हुई दिख रही है। राहुल गांधी अब जरूर प्रचार में जुटे हैं, लेकिन प्रियंका गांधी इस बार दूरी बनाए हुए है। पार्टी का प्रचार भी बीजेपी के मुकाबले कमजोर है। मीडिया में कांग्रेस जरूर बीजेपी के मुकाबले बढ़त लिए हुए, लेकिन बाकी पीछे है।
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उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर पहले और दूसरे चरण में तब तक वोटिंग हो चुकी होगी जब रायबरेली और अमेठी के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। मतलब 26 अप्रैल के बाद कांग्रेस रायबरेली और अमेठी का फैसला करेगी। लेकिन अब सवाल यह है कि इतनी देरी से क्यों। दो बातें सामने आ रही हैं। पहली यह कि क्या वरुण गांधी रायबरेली या अमेठी में से किसी सीट पर निर्दलीय चुनाव लडेंगे। अभी वरुण गांधी अस्वस्थ हैं। आने वाले हफ्ते में वह ठीक हो कोई फैसला कर सकते हैं। पीलीभीत से टिकट कटने के बाद से उन्होंने अभी तक एक ही बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने पीलीभीत की जनता के साथ खड़े रहने के साथ यह भी कहा वह आम जन के मुद्दे उठाते रहेंगे। इससे यही संदेश गया है कि वह आने वाले दिनों में अपने को लेकर कोई फैसला कर सकते हैं।
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अमेठी से उनके लड़ने की बात इसलिए भी हो रही है कि उनके पिता संजय गांधी उस सीट पर चुनाव लड़ते थे। जानकार मान रहे हैं यह भी हो सकता है कि वरुण अमेठी से निर्दलीय चुनाव लड़े और पूरा इंडिया गठबंधन उन्हे समर्थन दे। कांग्रेस अमेठी से कोई प्रत्याशी ही न खड़ा करे। अगर ऐसा होता है तो फिर रायबरेली और अमेठी का चुनाव दिलचस्प हो जाएगा।क्योंकि फिर प्रियंका रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं। वैसे भी कांग्रेस के पास उत्तर प्रदेश में खोने के लिए कुछ नहीं है। दोनों सीट अगर विपक्ष निकाल लेता है तो इंडिया गठबंधन को ताकत मिलेगी।
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