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India News MP (इंडिया न्यूज़),Bhopal: MP के सरकारी स्कूलों में 9वीं से लेकर 12वीं तक तिमाही परीक्षा कराई गई जिसमें छात्र-छात्राओं के रिजल्ट काफी खराब रहे हैं। बता दें कि खराब परिणाम से विभाग में चिंता बढ़ गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लेटर जारी कर कहा है कि कमजोर बच्चों को एक्स्ट्रा क्लास लगाई जाए। वहीं सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रिंसिपलों को निर्देशित किया है की छमाही परीक्षा का सभी छात्र-छात्राओं के 60% कोर्स पूरा कराया जाए। बता दें कि कि इस बार तिमाही परीक्षा के रिजल्ट में 10वीं के नतीजे 55 प्रतिशत ही आए हैं।
MP के अधिकतर सरकारी स्कूल अतिथि टीचरो की भरोसे चल रहे हैं। टीचरो की कमी पूरी कर रहे अतिथि शिक्षकों की भर्ती में काफी लेट हुई जिससे विद्यार्थियों के कोर्स पूरे नहीं नहीं हो पाए हैं हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए नए नियम के चलते इस साल कई अतिथि टीचर बाहर हो गए हैं। नए अतिथि टीचरो की भर्ती में काफी समय लगा और लगातार विवाद की स्थिति बनी रही। कई बार अतिथि शिक्षकों ने भोपाल में प्रदर्शन किया। यही बड़ी वजह रही की प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हो पाया और रिजल्ट खराब रहा। अब देखना यह होगा की तिमाही के बाद छमाही परीक्षा में क्या कोर्स पूरा हो पाएगा और बोर्ड परीक्षाओं के लिए सरकार और क्या-क्या कदम उठाएगी।
MP के सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक की तिमाही परीक्षा का परिणाम जारी किया गया, जिसमें सबसे खराब परिणाम 10वीं का 55 फीसद से कम रहा। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने बेहतर रिजल्ट के लिए कवायद शुरू की है। सभी जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश देकर 10वीं व 12वीं कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों के लिए अलग से विशेष कक्षाएं लगाने के लिए कहा गया है। इस पर सभी जिले के डीईओ ने प्राचार्यों की समीक्षा बैठक बुलाकर कमजोर बच्चों को चिह्नित करने और रेमेडियल क्लास लगाने के निर्देश दिए हैं।
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