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India China Dispute भारतीय सेना ने गलवान घाटी में फहराया तिरंगा

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: India China Dispute चीन की सेना द्वारा लद्दाख की गलवान घाटी में अपना झंडा फहराने की रिपोर्टों के बीच भारतीय सेना ने भी ड्रैगन को करारा जवाब दिया है। अभी सामने आई जानकारी के अनुसार भारतीय सेना ने भी गलवान घाटी में उसकी क्षेत्र में तिरंगा फहराया है जहां चीन द्वारा […]

BY: Vir Singh • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

India China Dispute चीन की सेना द्वारा लद्दाख की गलवान घाटी में अपना झंडा फहराने की रिपोर्टों के बीच भारतीय सेना ने भी ड्रैगन को करारा जवाब दिया है। अभी सामने आई जानकारी के अनुसार भारतीय सेना ने भी गलवान घाटी में उसकी क्षेत्र में तिरंगा फहराया है जहां चीन द्वारा अपना झंडा फहराने की बात सामने आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक नए साल की पूर्व संध्या पर 31 दिसंबर 2021 को भारतीय सेना ने गलवान में अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। गौरतलब है कि हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि चीनी सैनिकों ने कुछ दिन पहले गलवान इलाके में अपना झंडा फहराया था।

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India China Dispute Indian Army hoisted the tricolor in Galwan Valley

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अरुणाचल की कुछ जगहों का नाम बदलने की भी कोशिश (India China Dispute)

मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया था कि चीन की सरकार ने नए सीमा कानून को लागू करने से दो दिन पहले अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदलने की मांग की थी। इस मामले में बीते सप्ताह गुरुवार को केंद्र सरकार ने कहा था, हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से चीन की ओर से अरुणाचल के कुछ हिस्सों के नाम बदलने की खबरें मिली हैं, लेकिन नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलती है। सरकार ने कहा था अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा था और आगे भी बना रहेगा।

2020 में गलवान घाटी में हुई थी झड़प (India China Dispute)

चीन के कदम के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, चीन ने 2017 में भी इस तरह का कदम उठाया था। वर्ष 2020 में गलवान घाटी में ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।

इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अब गलवान में स्थिति बदली है। कई राउंड की बातचीत दोनों देशों के बीच हो चुकी है और उसके बाद कई मोर्चों से चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती को कम किया है या हटा लिया है।

पूर्वी लद्दाख में भारी सेना की तैनाती (India China Dispute)

भारी बर्फबारी के बाद भीषण ठंड होने के बावजूद पूर्वी लद्दाख के इलाकों में भारी सेना की तैनाती यह बताने के लिए काफी है कि दोनों के बीच स्थिति सामान्य नहीं है। भारत सरकार की ओर से कई बार कहा गया है कि चीन की ओर से सीमा की स्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने का प्रयास किया गया है और यही विवाद का कारण है। जिसके चलते यह जरूरी है कि, चीन अन्य इलाकों में उचित कदम उठाए, ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बहाल हो सके।

हस्तक्षेप अभी पूरी तरह खत्म नहीं (India China Dispute)

गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा कुछ सीमावर्ती इलाकों में चीन का हस्तक्षेप कम जरूर हुआ है, लेकिन पूरी तरह से हस्तक्षेप अभी समाप्त नहीं हुआ है। खासतौर से देपसांग और हाट स्प्रिंग्स में हस्तक्षेप चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बावजूद अभी स्थिति पूरी तरह सही नहीं हुई है। समय-समय पर चीन हरकतें करता रहता है।

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