संबंधित खबरें
Jharkhand Election: झारखंड चुनाव के लिए BJP की पहली लिस्ट जारी, 66 उम्मीदवारों का ऐलान ; जानें किसे कहां से मिला टिकट?
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान आज, जानें कितनी विधानसभा सीटों पर डालें जाएंगे वोट?
मध्य प्रदेश को Adani Group ने दिया बड़ा तोहफा, इतने करोड़ रुपये का करेगा निवेश
CM योगी ने लिया PM मोदी का बदला, अभद्र टिप्पणी करने वाले इस गैंगस्टर के अवैध बिल्डिंग पर चलवाया बुलडोजर
झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन इस डेट को बीजेपी में होंगे शामिल, हिमंता बिस्वा सरमा ने किया बड़ा ऐलान
'भारत में रहना है तो राम-कृष्ण की जय कहना….',जन्माष्टमी पर CM Mohan Yadav ने दिया बड़ा बयान
India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh News: सामरी विधायक चिंतामणि महाराज की टिकट नही मिलने को लेकर नाराजगी सुर्खियों में है। दरअसल, सरगुजा संभाग में कांग्रेस ने एक पूर्व मंत्री समेत चार सीटिंग एमएलए के टिकट काट दिए हैं। जिसके बाद बगावत की आवाज कांग्रेस के अंदरखाने से बाहर निकल कर आ गई है। बताया जा रहा है टिकट न मिलने से अंदर ही अंदर नाराज चल रहे है। चिंतामणि महाराज से मिलने पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णु देव साय, पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सरगुजा संभाग के संगठन प्रभारी संजय श्रीवास्तव हेलीकॉप्टर से उनके सामरी स्थित आश्रम श्रीकोट पहुंच गए।
सरगुजा के पूज्य संत गहिरा गुरु के पुत्र और दो बार कांग्रेस से विधायक चिंतामणि महाराज के सामरी विधानसभा स्थित श्रीकोट में आज काली माता के मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम था। जिस धार्मिक आयोजन में अचानक पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सरगुजा संभाग के संगठन प्रभारी संजय श्रीवास्तव पहुंच गए, जिसके बाद चिंतामणि के भाजपा में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है, संभावना इसलिए भी बढ़ गई है फिलहाल धार्मिक आयोजन के बहाने ही सही भाजपा के बड़े नेताओं के साथ उनकी बातचीत जारी है लेकिन कुछ शर्त की वजह से मामला थोड़ी देर के लिए लटकता नजर आ रहा है।
इस मामले में मीडिया से बात करते हुए चिंतामणि ने कहा कि आश्रम में आए भाजपा नेताओं ने भाजपा में शामिल होने की पेशकश की है, साथ ही उनको सरगुजा लोकसभा से चुनाव लड़ाने की बात भी कही है, जिस पर चिंतामणि का कहना है कि मुझे अम्बिकापुर विधानसभा से चुनाव लड़ाया जाए, क्योंकि लोकसभा चुनाव 6 महीने बाद है. मै 6 महीने इंतज़ार क्यों करूँ।
चिंतामणि महाराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा से की थी। जिसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद उन्हें संस्कृत बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया गया था। लेकिन विधानसभा में टिकट न मिलने से नाराज चिंतामणि 2013 विधानसभा के पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। और फिर 2013 में कांग्रेस ने उन्हें लुंड्रा विधानसभा से टिकट दिया और वो जीत गए।
जिसके बाद 2018 विधानसभा में कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत चिंतामणि महाराज को सामरी से टिकट दिया और वो वहां से भी चुनाव जीत गए। जिसके बाद 2023 के चुनाव में परफॉर्मेंस के आधार पर उनकी टिकट काट दी गई। और पैलेस ख़ेमे के नए युवा प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया गया। तब से ही कयास लगाए जा रहे थे, कि चिंतामणि कांग्रेस की चिंता बढ़ा सकते है। पर अब उन्होंने अंबिकापुर से टिकट मांग कर कांग्रेस के साथ भाजपा की चिंता भी बढ़ा दी है।
यह भी पढ़ें:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.