India News (इंडिया न्यूज़), Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में हुए सियासी तख्तापलट के बीच घमासान अभी भी जारी है। अब एनसीपी ने बगावत करने वाले विधायकों पर एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इन विधायकों को निष्कासित करते हुए कहा कि पार्टी के प्रतीकों को इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
जयंत पाटिल के इस फैसले को एनसीपी चीफ शरद पवार का भी समर्थन मिला है शरद पवार ने कहा कि उनके निर्णय को हमारा समर्थन रहेगा हम नया संगठन खड़ा करेंगे “कौन गया और किसके लिए गया मैं इसकी चिंता नहीं करता हूं क्योंकि यह अब दो-तीन बार हो चुका है राज्य में हमारा संगठन मजबूत है।
इसी कड़ी में शरद पवार ने कहा कि एक बार मैं विदेश गया था तो कई लोग पार्टी छोड़कर चले गए थे मुझे कोई चिंता नहीं थी। अजित पवार का फैसला उनका निजी फैसला है उनकी बातों का अब कोई महत्व नहीं है। लोगों का समर्थन हम लोगों के साथ है जनता का प्यार बना रहा तो पूरी तस्वीर बदल देंगें एनसीपी भी हम लोगों के साथ है।
अजित पवार के साथ विधायकों में छगन भुजबल, हसन मुशरिफ, धर्मराव अत्राम, धनंजय मुंडे, दिलीप वाल्से पाटिल, संजय बनसोडे, अदिति तटकरे, अनिल पाटिल ने शपथ ली थी। इतना ही उन्होंने अजित पवार ने एनसीपी पर भी दावा करते हुए कहा था कि हम अगले सभी चुनाव एनसीपी के साथ ही खड़े रहेंगें।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा की अजीत पवार गद्दार हैं। तृणमूल कांग्रेस ऐसा मानती है कि शरद पवार जो कह रहे हैं वो ही सही है बीजेपी सरकार बार-बार पैसों से नेताओं को खरीद रही है और विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। ऐसा मुंबई और महाराष्ट्र में तो संभव हुआ है लेकिन देश पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा हम शरद पवार के साथ है।
MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी इस मामले में एक ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी थी राज ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, “आज फिल्म थ्रोन ऑफ महाराष्ट्र के आखिरी सीन में ‘दिगु टिपनिस’ हुआ। शरद पवार उद्धव ठाकरे का बोझ उतारना चाहते थे, इसका पहला अंक आज पूरा हो गया। पवार (राष्ट्रवादी) की पहली टीम सत्ता के लिए रवाना हो गई। जल्द ही दूसरी भी सत्ता के कदम में शामिल हो जाएगी! ऐसे में देश के सामने जो खड़ा है वो है महाराष्ट्र की राजनीति का कीचड़।
इसी कड़ी में एआईएमआईएम प्रवक्ता ने भी ट्वीट कर लिखा की मेरा अपना आंकलन है कि अजित पवार खुद नहीं गए हैं, इसमें शरद पवार जी की मर्जी शामिल है। इससे पहले भी यही हुआ था, ये पूरी बिसात शरद पवार जी ने खुद बिछाई है, इसमें वज़ीर वही चाल चलेगा, जिससे बादशाह और उसका क़िला सुरक्षित रहे। ये राजनीति है बाबू इसमें होता कुछ है,दिखता कुछ है।
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