अभिषेक जोशी, उदयपुर:
Superstition Game In 21st Century: 21वीं सदी (21st Century) के भारत में एक तरफ जहां विज्ञान (Science) और तकनीक इंसान को अंतरिक्ष (Space) तक ले जा रही है, वहीं दूसरी ओर गांवों में आज भी बीमारी के इलाज के लिए लोग झाड़ – फूंक जैसे अंधविश्वासों में जी रहे है। खमनोर ग्राम पंचायत (Khamnore Gram Panchayat) में बस स्टैंड पर रहने वाले एक गाडुलिये परिवार में 7 वर्षीय बेटे की आंख में फुंसी होने पर परिजनों ने डॉक्टर को दिखाने की बजाय दो साल तक उसे घर मे ही कैद रखा और मेडिकल से छोटी – मोटी दवा देते रहे।
दो साल बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा तो परिजन उसे गिलूंड में एक देवरे पर ले गए जहां शंकर नाम का भोपा चार महीने तक झाड़ फूंक से उसका इलाज करता रहा।
Superstition Game In 21st Century
इलाज के दौरान उसकी आंख बाहर निकल आई और उसमे कीड़े पड़ गए। आंख में बाहर निकल कर लटक जाने के बाद परिजन उसे घर ले आये। आस पास के लोगों ने बच्चे को तड़पता देखा तो इसकी सूचना महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष कोमल सोनी (Komal Soni) को दी। कोमल बच्चे के घर पहुंची और समझाइश के बाद उसे उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया।
बच्चे की पिता ने बताया कि अंधविश्वास के चलते वो अपने बेटे को भोपा जी के पास ले गया जहां चार महीने तक उसका इलाज चला। बाद में कोई असर दिखाई नहीं दिया तो बेटे को अस्पताल ले जाना चाहता था लेकिन भोपा जी ने अस्पताल ले जाने से मना कर दिया।
परिजनों के अंधविश्वास ने मासूम को दो साल तक दर्द से तड़पने पर मजबूर कर दिया। चार महीने झाड़ – फूंक और भोपा जी के इलाज ने बच्चे की जान लेने की पूरी तैयरी कर ली थी लेकिन महिला मोर्चा की मडल अध्यक्ष कोमल सोनी की सजगता से बच्चा आज एमबी अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है।
कोमल सोनी और डॉक्टर्स की समझाइश के बाद पिता की आंखे खुल गई है और अब वो अपने बेटे की जिंदगी की भीख मांग रहा है। पिता ने कहा कि बच्चा एक आंख का होगा तो भी मैं उसे रखने को तैयार हूं लेकिन इसकी जान बचा लो।
विज्ञान के इस आधुनिक दौर में आज भी गांव के लोग झाड़ फूंक और अधंविश्वास के सहारे जी रहे है। जो उनकी जान के साथ खिलवाड़ है। अपने बेटे को मौत से लड़ता देख परिजनों का भी रो रो कर बुरा हाल है। पिता ने भी माना है कि अंधकार में रहने की वजह से आज उसका बेटा जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।
पिता ने कसम खाई है कि आज के बाद ना तो वो कभी इस तरह अंधविश्वास में जियेगा और ना ही किसी और को इसका सहारा लेने देगा। वहीं आरएनटी प्रिंसिपल लाखन पोसवाल ने बताया कि बच्चे को आंख का कैंसर है और सोमवार को वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में उसका ऑपरेशन होगा।
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