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Asian Wrestling Championship: अमन सहरावत ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है। अमन ने किर्गिस्तान के अल्माज समानबेकोव को 57 भारवर्ग में हराकर यह पदक अपने नाम किया। बता दे किर्गिस्तान के अल्माज पिछली चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता रहे थे। 19 साल के अमन हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं। भारत लगातार चार साल से एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 57 भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीत रहा है। इसके अलावा 79 भारवर्ग में दीपक कुकना ने भी कांस्य पदक अपने नाम करने मे कामयाब रहे हैं। दीपक ने कजाखस्तान के शुहराब बोजोरोव को तकनीकी दक्षता के आधार पर 12-1 से हराया।
फाइनल मुकाबले में अमन ने अल्माज को 9-4 से हराया। सहरावत ने सेमीफाइनल में चीन के वानहाओ जोयू को 7-4 से और क्वार्टर फाइनल में जापान के रिकुतो अरई को 7-1 से मात दी थी। बता दे अमन का यह इस साल दूसरा पदक है। फरवरी में उन्होंने जगारेब ओपन में कांस्य पदक जीता था। पिछले साल उन्होंने अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। गुरुवार को जीते दो पदकों के साथ भारत के अब तक 13 पदक हो गए हैं। ग्रीको रोमन पहलवानों चार और महिला पहलवानों ने सात पदक दिलाए। अनुज कुमार (65 भारवर्ग), मुलायम (70) पदक दौर तक नहीं पहुंच सके।
बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था
बता दे अमन का बचपन मुशकिलो से भरा हुआ था। उन्होने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। माता-पिता के ना होने से अमन को खराब आर्थिक स्थिति जुझना पड़ा। उनकी एक छोटी बहन भी है, जिनकी पढ़ाई के खर्च की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर थी। लेकिन करीब चार महीने पहले जब उनकी रेलवे में नौकरी लगी तब जाकर थोड़ा सुधार हुआ। इन तमाम समसयाओं को नजर अंदाज कर अमन मेहनत करते रहें और आज इस मुकाम पर पहुंच गए हैं कि कई युवाओं के प्रेरणा बन गये हैं।
छह महीने से अपने घर नहीं गए हैं अमन
बता दे अमन ने इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का संकल्प लिया था और इसके चलते वह छह महीने से अपने घर नहीं गए हैं। वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कोच प्रवीन दहिया के साथ अभ्यास करते रहे या फिर सोनीपत के बहालगढ़ में राष्ट्रीय शिविर में मौजूद रहे।
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