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श्रेय आर्य:
भारतीय टीम के गब्बर और सलामी बल्लेबाज Shikhar Dhawan वनडे में भारतीय टीम का अहम हिस्सा हैं, लेकिन टी-20 में वह लगातार अंदर बाहर होते रहे हैं. उनका मानना है कि टी20 में वह अभी काफी योगदान दे सकते हैं. दिल्ली के 36 साल के धवन को उम्मीद है कि वह आसानी से अगले तीन साल तक क्रिकेट खेल सकते हैं.
धवन ने आईपीएल 2022 में एक बार फिर से शानदार लय में होने का सबूत देते हुए अब तक 421 रन बनाए हैं. उनकी टीम पंजाब किंग्स को अभी एक और मैच खेलना है. इस टी20 लीग में उनकी अच्छी फॉर्म का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पिछली बार 2015 में 300 से कम रन बनाये थे.
पिछले साल श्रीलंका के दौरे पर भारत का नेतृत्व करने और लगातार रन बनाने के बाद भी धवन को पिछले टी20 विश्व कप की भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी. हालांकि इस बार शिखर धवन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 9 जून से शुरू होने वाली घरेलू टी20 में वापसी की उम्मीद है.
धवन ने एक बातचीत के दौरान कहा है कि, ‘मुझे लगता है कि मैं अपने अनुभव के कारण सबसे छोटे प्रारूप में योगदान दे सकता हूं. मैं टी20 में काफी अच्छा कर रहा हूं. मुझे जो भी भूमिका दी गई है मैंने उसे बखूबी निभाया है. मैं जिस फॉर्मेट में भी खेल रहा हूं उसमें निरंतरता बनाए रखने में कामयाब रहा हूं,
चाहे वह आईपीएल हो या घरेलू स्तर पर और मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं.’ श्रीलंका में भारतीय टीम का नेतृत्व करने के बाद भी टी20 विश्व कप के लिए टीम में जगह बनाने में विफल रहने पर धवन को निराशा हुई थी लेकिन सकारात्मक सोच से उन्हें फायदा हुआ.
उन्होंने कहा, ‘हां मैं बहुत सकारात्मक व्यक्ति हूं. पिछले साल टीम का नेतृत्व करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा था. टी20 विश्व कप के लिए चयनकर्ताओं को लगा कि चुने गए खिलाड़ी मुझसे बेहतर हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है.
मैं चयनकर्ताओं के फैसले का सम्मान करता हूं. जीवन में ऐसा होता है. आप इसे स्वीकार करते हैं और अपना काम करते रहते हैं. मैं केवल उन चीजों पर ध्यान देता हूं जो मेरे नियंत्रण में है और मैं मिले हुए मौके का अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करता हूं.’
शिखर जब अपने फॉर्म में होते हैं तो कोई भी गेंदबाज़ उनके सामने नही टिक पाता.भारत के लिए 34 टेस्ट, 149 एकदिवसीय और 68 टी20 मैच खेल चुके धवन ने कहा कि वह और तीन साल तक क्रिकेट खेलना चाहते है. यानी कि उनके फ़ैन्स उन्हें अभी भी कम से कम 3 साल के लिए भारतीय टीम के लिए हर फॉर्मेट में देख सकते हैं.
अब बस देखना यही है कि धवन अपनी अच्छी फॉर्म को जारी रखते हुए कब तक भारतीय टीम में वापसी करते है. उन्होंने बताया कि खेल में दवाब कभी खत्म नही होने वाला इसीलिए वह खुद पर जरूरत से ज्यादा दबाव नही लेते. टीम इंडिया में 2010 में डेब्यू करने वाले धवन ने कहा, ‘मैं अपने ऊपर बेवजह दबाव नहीं डालता.
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो कभी खत्म नहीं होती. अगर मैं चीजों को उस तरह से सोचूंगा तो मुझे खुशी नहीं होगी. एकदिवसीय में मेरा औसत 45.53 है. मैं हमेशा खेल में सुधार की तलाश में रहता हूं, विश्लेषण करता हूं कि कैसे मैं बेहतर हो सकता हूं. एक क्रिकेटर के तौर पर हमें ‘अपने पांव जमीन पर रखने’ होते है. भारत का प्रतिनिधित्व करने की दौड़ में बने रहने के लिए फिट रहना होगा.
मैं कम से कम अगले तीन सालों तक खेल सकता हूं. मैं पिछले कुछ सालों से काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं, मैं आशान्वित और सकारात्मक हूं कि जिस तरह से मैं प्रदर्शन कर रहा हूं, उससे मैं कई मील के पत्थर हासिल कर सकता हूं. मेरा ध्यान मंजिल पर नहीं बल्कि सफर पर है. यह इस बारे में है कि एक क्रिकेटर पर मैं कैसे खुद में सुधार करना जारी रख सकता हूं.’
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