India News (इंडिया न्यूज), Sawan Shivratri 2025 : शिवरात्रि पर्व इस बार 23 जुलाई बुधवार को होगा और इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ शिवलिंग रूप में प्रकट होते हैं। शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि को माना गया है। इस दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिवलिंग पर जल और ऊं नम:शिवाय मंत्र का जप करना शुभ होता है।
उक्त जानकारी प्रथम गांव के ज्योतिषाचार्य व प्रखंड विद्वान पंडित संदीप शास्त्री ने देते हुए कहा कि इस दिन शिव की पूजा करने से भगवान शिवजी की विशेष कृपा होती है। उन्होंने बताया कि सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 4:39 बजे से होगी और यह तिथि अगले दिन 24 जुलाई को रात 2:28 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत 23 जुलाई, बुधवार को रखा जाएगा। शिवरात्रि में शिव पूजा निशिता काल मुहूर्त में की जाती है। इस दिन रात को जागरण करना चाहिए। क्योंकि शिवरात्रि को जाग कर भगवान का नाम लेने से अधिक फल मिलता है।
जलालपुर प्रथम गांव के ज्योतिषाचार्य व प्रखंड विद्वान पंडित संदीप शास्त्री ने बताया कि इस बार शिवरात्रि 23 जुलाई को है। भगवान शिव के मंदिरों में भक्त सुबह से लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। इस दिन शिवलिंग पर भगवान शिव को प्रिय चीजें चढ़ाते हैं। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं अच्छा पति पाने के लिए इस दिन विशेष पूजा अर्चना करती हैं। यही नहीं इस दिन कालसर्प योग से मुक्ति के लिए भी विशेष उपाय किए जाते हैं।
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए इस दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सुबह शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव को धतूरा चढ़ाएं। इसके बाद ओम नमः शिवाय का जाप करें। यह भी कहा जाता है कि इस दिन नाग-नागिन के जोड़े को शिवलिंग पर अर्पित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। अगर किसी तरह की शारीरिक परेशानी है तो किसी योग्य पंडित से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाना चाहिए। इससे शारीरिक परेशानी समाप्त हो जाती है। इसके अलावा अगर घर में अशांति रहती है तो पंचमुखी रुद्राक्ष की माला लेकर ओम नमः शिवाय का जाप करें।
धतूरे का फूल भोले शिव को अर्पित करने से मनचाहा वरदान मिलता है। भगवान शिव को धतूरा अत्यंत प्रिय है इसलिए भगवान शिव की पूजा में धतूरा जरूर शामिल करना चाहिए। धतूरे के साथ धतूरे का फूल भी भगवान शिव को अर्पित करना अच्छा होता है। शिवरात्रि पर शिवलिंग पर दूध या गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत उत्तम होता है। इसके साथ चंदन, बेलपत्र,आख्या के फूल,भांग,पंचामृत चढ़ाने से अलग-अलग मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस बार सावन शिवरात्रि पर कई महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं जैसे सर्वार्थ सिद्धि योग, गजकेसरी योग, नवपंचम राजयोग और भद्रावास योग। खासतौर पर चंद्रमा और मिथुन राशि में स्थित गुरु ग्रह के बीच बनने वाला गजकेसरी राजयोग कई राशियों की किस्मत बदल सकता है। इन योगों की कृपा से भक्तों को सफलता, समृद्धि और खुशहाली प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है।
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