Ghaziabad Railway Station Crowd: त्योहारों का मौसम शुरू होते ही राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ पहले से कहीं ज्यादा नजर आ रही है. खासकर दिवाली और छठ पर्व के अवसर पर लोग अपने घर लौटने के लिए रेल यात्रा पर निर्भर हैं, लेकिन इस बार सफर करना पहले की तुलना में बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है.
भीड़ और वेटिंग लिस्ट की परेशानी
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस बार यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों से कई गुना अधिक है. जिन लोगों ने समय रहते टिकट नहीं कराया, वे अब परेशान हैं. सोशल मीडिया पर यात्रियों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं कि हफ्तों तक प्रयास करने के बावजूद कन्फर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है. गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन 200 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म पर इतनी भीड़ है कि पैरों रखने की जगह भी कम पड़ रही है.
प्रमुख ट्रेनों में कोई सीट नहीं
त्योहारों के दौरान जिन ट्रेनों पर सबसे ज्यादा निर्भरता रहती है जैसे राजधानी एक्सप्रेस, तेजस, पूर्वा, मगध, संपूर्ण क्रांति, सप्तक्रांति, बिहार संपर्क क्रांति, वैशाली, गरीब रथ, महाबोधि और सीमांचल एक्सप्रेस उनकी सभी सीटें 18 से 24 अक्टूबर तक पहले ही फुल हो चुकी हैं. वेटिंग लिस्ट भी बंद हो गई है, जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
स्पेशल ट्रेनों से मिली राहत
भीड़ को देखते हुए रेलवे ने कुछ राहत की कोशिश की है. दिल्ली–दरभंगा, आनंद विहार–गोरखपुर, आनंद विहार–भागलपुर और दिल्ली–मऊ एक्सप्रेस जैसी चार स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई हैं. इनका गाजियाबाद स्टेशन पर ठहराव होगा और यात्रियों को उम्मीद है कि इनमें कुछ सीटें मिल सकती हैं.
तत्काल टिकट ही आखिरी सहारा
रेलवे का कहना है कि तत्काल कोटे से थोड़ी राहत मिल सकती है. एसी के लिए बुकिंग सुबह 8 बजे और स्लीपर क्लास के लिए सुबह 10 बजे से खुलती है, लेकिन सेकंडों में ही टिकट खत्म हो जाते हैं. इसलिए यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे समय से पहले तैयारी कर लें.
ट्रेन में टिकट न मिलने के कारण लोग बसों और निजी वाहनों का सहारा ले रहे हैं. बस अड्डों पर भीड़ बढ़ गई है और किराए में भी इजाफा देखने को मिला है. इसके बावजूद यात्रियों का कहना है कि चाहे जैसे भी हो, त्योहार पर घर पहुंचना जरूरी है.