होम / चीन के बाद क्‍या भारत में भी कोरोना केसेज़ में हो सकती है बढ़ोत्‍तरी! विशेषज्ञों ने दी ये राय

चीन के बाद क्‍या भारत में भी कोरोना केसेज़ में हो सकती है बढ़ोत्‍तरी! विशेषज्ञों ने दी ये राय

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : November 27, 2022, 11:02 pm IST

Corona Virus: इन दिनों चीन में कोरोना फिर से तेजी से फैल रहा है। यही वजह है कि जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) के तहत चीन (China) ने कईं जगहों पर लॉकडाउन (Lockdown) भी लगा दिया है। जिसके खिलाफ अब बड़ी संख्‍या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। बता दें कि जहां चीन में रोजाना कोरोना के 30 हजार से ज्‍यादा केस आ रहें हैं, वहीं भारत में इस वक्‍त कोरोना के काफी कम और 300 से 400 मामले रोजाना देखे जा रहें हैं। हालांकि चीन में बढ़ते मामलों के चलते एक बार फिर भारत में कोरोना के मामले (Corona Cases) बढ़ने की आशंका भी पैदा हो गई है।

भारत में भी कोरोना के केसेज़ में हो सकती है बढ़ोत्‍तरी

आपको बता दें कि इस बारे में स्‍वास्‍थ्‍य‍ विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में कोरोना फैलने की उनकी अपनी कईं वजहें हैं, लेकिन फिर भी इसका असर भारत पर नहीं पड़ेगा, ऐसा नहीं कहा जा सकता है। देर-सबेर भारत में भी कोरोना के केसेज़ में बढ़ोत्‍तरी हो सकती है। वहीं, दिल्‍ली स्थित ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि अगर डेल्‍टा जैसा कोई नया वेरिएंट (Corona Variant) नहीं आया तो फिर चीन में बढ़ते आंकड़ों का भारत पर खास असर नहीं पड़ेगा।

चीन में वैक्‍सीनेशन कम होने की बनी वजह

इसके आगे डॉ. मिश्र कहते हैं कि चीन को उसकी जीरो कोविड पॉलिसी का ही नुकसान हुआ है। वहां लोग कोरोना के हल्‍के वेरिएंट जैसे ओमिक्रॉन आदि से संक्रमित नहीं हुए और उनमें कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्‍यूनिटी (Herd Immunity) नहीं विकसित हो पाई। इसके अलावा चीन में वैक्‍सीनेशन बहुत ही कम हुआ है। वहां की अधिकांश जनसंख्‍या को कोरोना का टीका ही नहीं लगा है, ऐसे में कोरोना के किसी भी वेरिएंट का संक्रमण उनके लिए खतरनाक हो सकता है।

भारत में कोरोना वैक्‍सीनेशन हुआ बेहतरीन

जहां तक भारत की बात है तो यहां कोरोना वैक्‍सीनेशन बेहतरीन हुआ है। बूस्‍टर डोज़ भी बहुत सारे लोग ले चुके हैं। अभी भी यहां वैक्‍सीन उपलब्‍ध है, अगर लोग चाहें तो वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज़ लगवा सकते हैं। इसके अलावा ओमिक्रोन से संक्रमण के बाद यहां के लोगों में हर्ड इम्‍यूनिटी बनी और वैक्‍सीनेशन के बाद सुपर इम्‍यूनिटी विकसित हो चुकी है। लिहाजा अगर नया वेरिएंट नहीं आता है तो यहां चीन के आंकड़ों से विशेष असर नहीं पड़ेगा, हां कोरोना के केसेज की संख्या में कुछ बढ़ोत्‍तरी हो सकती है।

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT