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India News (इंडिया न्यूज), India News Manch 2023: हर साल की तरह इस साल भी इंडिया न्यूज़ देश का सबसे बड़ा राजनीतिक मंच आयोजन कर रहा है। ये आयोजन दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है। बीते कल यानि बुधवार 13 दिसंबर से शुरु हुए इस कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है। बता दें कि ये तीन दिवसीय कार्यक्रम 15 दिसंबर (शुक्रवार), 2023 तक चलेगा। आज इस मंच पर उत्तराखंड के गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जी भी हिस्सा बनें। गुरमीत सिंह जी ने सिलक्यारा टनल के रेस्क्यू के बारे में भी बात की।
सिलक्यारा टनल के रेस्क्यू के बारे में बात करते हुए गुरमीत सिंह जी ने कहा कि इन 17 दिनों ने बहुत कुछ सिखाया। सबसे पहले तो मुझे खुशी हुई जब मैं 41 वर्कर्स से मिला। उनके अंदर प्रसन्नता, साहस और एक अलग ही तरह का डिजायर था। आप कल्पना करें कि वें 17 दिन इस स्थिति में रहे लेकिन फिर भी एक साहस और प्रसन्नता उनके चेहरे पर थी। सिलक्यारा टनल ने हमको बहुत कुछ सिखाया है। सबसे पहले एक राष्ट्र के रूप में हमें कैसे डील करना चाहिए। अगर बहुत बारीकी से देंखे, तो वहां कितनी एजेंसियां इनवॉल्व थीं, एनडीआरएफ, एसडीआऱएफ, बीआरओ, शासन, प्रशासन, आर्मी। सबसे बड़ी बात की किस प्रकार की लीडरशिप होनी चाहिए और एक कंट्रोल और म़ॉनिटरिंग के तरीके शानदार थे। पूरे विश्व से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, स्विटजरलैंड और न जाने कहां-कहां से संसाधन आए और देश में जहां-जहां मशीन थी, प्लाज्मा कटर, किस्म-किस्म के औजार सबको इकट्ठा करना और कोऑर्डिनेशन शानदार था।
जो रोल एयरफोर्स ने प्ले किया लाॉजिस्टिक्स लाने का, जो रोल इंडियन आर्मी ने निभाया और आर्मी के बीआरओ ने निभाया। आखिर में जो रैट माइनर्स थे उन्होंने जिस कला से काम किया। माननीय प्रधानमंत्री जी ने जो पहले दिन से ही लॉजिस्टिक्स सपोर्ट दिया, मार्गदर्शन किया और सबकुछ कंट्रोल करते हुए मॉनिटरिंग की। जो अंदर थे और जो बाहर थे इसके बारे में दोंनों ने बहुत बड़े सबक सीखे।
गुरमीत जी बताते हैं कि जब वह आर्मी में थे और कर्नल की पोस्ट पर थे। उस दौरान उत्तराखंड की वनबसा टनल के पास अपने बैरक को कमांड कर रहे थे। तब उनके एक साथी ने आकर उन्हें बताया कि एक पंडित जी उनसे मिलने आए हैं। गुरमीत जी कहते हैं कि जब मैं पंडित जी से मिला, तो उन्होंने कहा कि आप एक दिन लेफ्टिनेंट गवर्नर बनेंगे और बाद में मैं लेफ्टिनेंट गवर्नर बना। इसके बाद जब मैं दिल्ली में था 2015 में वही पंडितजी दोबारा वापस आए और उन्होंने बताया कि आप गवर्नर बनेंगे। इसके बाद मुझे एक दिन फोन आया कि कल आपको माननीय प्रधानमंत्री जी ने आपको पीएमओ में बुलाया है। इसके बाद प्रधानमंत्री जी ने उन्हें कहा कि हम आपको उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त करते हैं।
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