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जननायक कर्पूरी ठाकुर जयंती: पहले मुख्यमंत्री जिनके पास विरासत में देने के लिए घर तक नहीं

Suman Saurabh • LAST UPDATED : January 24, 2023, 3:04 pm IST

Jannayak Karpoori Thakur Jayanti: जननायक व बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का आज 99 वीं जयंती मनाया जा रहा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज उनके पैतृक गांव समस्तीपुर जिले के पितैझिया पहुंचकर श्रद्धाजंलि अर्पित की। सीएम ने इस दौरान कहा कि उन्होंने (कर्पूरी ठाकुर) स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने बिहार के विकास के लिए भी काम किया। हम हमेशा लोगों के बीच उनके काम की चर्चा करते हैं। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर बिहार के 2 बार मुख्यमंत्री व एक बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। कर्पूरी ठाकुर को गरीबों का राजनेता कहा जाता है। कहते हैं कि जबतक कर्पूरी ठाकुर जीवित रहे, उन्होंने केवल बिहार के गरीब व पिछड़े वर्गों की चिंता की और उनके उत्थान के लिए जीवन भर काम किया। इसलिए उन्हें सम्मान से जननायक पुकारा जाने लगा। 

 

कर्पूरी ठाकुर के राजनीतिक जीवन

साल 1924 में नाई परिवार में जन्में कर्पूरी ठाकुर का बचपन आम भारतीय की तरह काफी चुनौतीपूर्ण रहा। उस समय देश में ब्रिटिश साम्राज्य का शासन था। बताया जाता है कि कर्पूरी ठाकुर अपने लड़कपन के ही दिनों में ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा गरीबों पर किये जा रहे अत्याचारों का खुलकर विरोध करते थे। कई स्वाधीनता आंदोलनों में उन्होंने निडरता से हिस्सा लिया। हालांकि बाद में जब 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने भारत को छोड़ने का फैसला किया तबतक कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में अपनी पहचान बना चुके थे। साल 1952 में उन्होंने अपना पहला सफलापूर्वक विधानसभा चुनाव लड़ा। जिसके बाद 1967 में कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री चुने गए। 1977 में कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार बिहार के सीएम बने। इस दौरान कर्पूरी ठाकुर द्वारा लिया गया एक फैसला काफी चर्चा में रहा। उन्होंने सरकारी नौकरियों में गरीबों और पिछड़ों को आरक्षण देने का काम किया था जिसके बाद ठाकुर सवर्णों के दुश्मन बन गए थे।

 

ठाकुर के पास विरासत में देने के लिए घर तक नहीं 

दो बार के मुख्यमंत्री व लंबे समय तक बिहार के राजनेता रहे जननायक कर्पूरी ठाकुर के पास अपने अंतिम समय में विरासत में देने के लिए एक घर तक नहीं था। राजनीतिक जानकार बतातें हैं कि वह जीवनभर समाज के पिछड़े वर्गों के लिए काम करते रहे। कर्पूरी ठाकुर समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को अपने राजनीतिक गुरु मानते थे। वह जबतक राजनीति में रहे उनके समाजवादी विचार धारा को आगे बढ़ाते रहे। जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव  व वर्तमान सीएम नीतीश कुमार के आदर्श बने।

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