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Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women महिलाओं को मिली खड़े होकर काम करने से आजादी

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women: क्या आपको पता है कि भारत में दुकानों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारियों को बैठने का अधिकार नहीं होता। ज्यादातर कर्मचारी खड़े होकर काम करते हैं। वह चाहे पुरुष हों या महिलाएं। वैसे तो इस तरह की बंदिशें सभी के […]

BY: India News Editor • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women: क्या आपको पता है कि भारत में दुकानों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारियों को बैठने का अधिकार नहीं होता। ज्यादातर कर्मचारी खड़े होकर काम करते हैं। वह चाहे पुरुष हों या महिलाएं। वैसे तो इस तरह की बंदिशें सभी के लिए मुश्किल भरी होती हैं लेकिन कई बार दुकानों में काम करने वाली महिलाओं को इस नियम के कारण काफी परेशानी का सामना पड़ जाता है।

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Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women

हालांकि अब तमिलनाडु की महिलाओं ने इस मामले में सफलता हासिल कर ली है। तमिलनाडु में दुकानों पर काम करने वाली महिलाओं को बैठने का अधिकार मिल गया है। इसके पहले सिर्फ केरल में रिटेल कर्मचारियों को बैठने का अधिकार था। केरल में कर्मचारियों के बैठने के अधिकार का कानून पिछले महीने ही लागू किया गया है। वहीं अब तमिलनाडु में राइट टू सिट कानून लागू होने के बाद सबसे ज्यादा राहत महिलाओं को मिली है। चलिए जानते हैं कि क्या है राइट टू सिट कानून?

क्या है राइट-टू-सिट (Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women)

राइट टू सिट का अर्थ है बैठने का अधिकार। देश के कई कार्य क्षेत्रों, विशेषकर दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को बैठने का अधिकार नहीं होता। काम के दौरान उन्हें अपने वर्किंग आवर में खड़े होकर काम करना होता है। ऐसे कर्मचारियों को बैठने का नैतिक अधिकार देने के लिए दो राज्यों में कानून लागू किया गया है।

क्यों आया कानून (Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women)

तमिलनाडु में कपड़ा, ज्वेलरी की दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को बैठने की सुविधा नहीं मिलती थी। दुकान के कर्मचारियों को खड़े होकर ही ग्राहकों से संवाद करना होता था। ऐसे में कर्मचारियों को लगातार 10 से 12 घंटे खड़े रहकर काम करना पड़ता था। इस दौरान लगातार खड़ा रहना कर्मचारियों के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर मुश्किल होता था। महिलाओं को तो इस तरह के नियम से अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इतना ही नहीं कुछ जगहों पर उन्हें टॉयलेट ब्रेक भी नहीं मिलता। इन्हीं समस्याओं को लेकर तमिलनाडु के कर्मचारियों ने आवाज उठाई। फिर सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों को बैठने का अधिकार देने वाला कानून बनाते हुए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया।

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सरकारों को होना पड़ेगा सक्रिय (Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women)

तमिलनाडु सरकार जो कानून ला रही है, उसके पीछे व्यक्ति की सेहत एक प्रमुख कारण है। प्रस्तावित कानून में यह नहीं है कि दुकान का हर कर्मचारी हर समय बैठकर ही काम करेगा। कानून में कहा गया है कि हर दुकान में कर्मचारी के बैठने की व्यवस्था होगी ताकि उसे काम के दौरान जब मौका मिले तो वह बैठ सके। संविधान के अनुच्छेद 42 में कहा गया है कि राज्य काम की उचित मानवीय स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए प्रविधान करेंगे। इसके अलावा अनुच्छेद 21 में मिले जीवन के अधिकार में गरिमापूर्ण ढंग से जीवन जीने का अधिकार शामिल है।

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गाइडलाइन तय करे केंद्र सरकार (Big News 2021 Right to Sit Law Pass For Women)

राइट टू सिट पर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस शिवकीर्ति सिंह कहते हैं कि केंद्र सरकार इस बारे में पालिसी गाइड लाइन तय करे। सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए सभी स्टेक होल्डर्स से विचार विमर्श करके इस पर नीति निर्धारण की आवश्यकता है। स्टेट को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि वह मानते हैं कि इसमें वर्गीकरण करना पड़ सकता है क्योंकि सब जगह एक समान स्थिति नहीं होती है।

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