New Year 2026: 1 जनवरी को देश ही नहीं पूरी दुनिया में नए साल का जस्न मनाया जाएगा. बहुत से लोग 31 दिसंबर की रात से ही पार्टी करना शुरू कर देते हैं और एंजॉय करते हुए नया साल मनाते हैं. वहीं बहुत से लोग इस तरीके को गलत मानते हैं और इस दिन पूजा पाठ करते हुए मनाने की सलाह देते हैं यानी सनातन तरीके से नया साल मनाया जाए. वहीं कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिनका मानना है कि हिंदू धर्म के अनुसार 1 जनवरी को नया साल नही मनाया जाता. आइए जानते हैं इन सब के पीछे की वजह…
बता दें कि भारत में ग्रेगोरियन नया साल यानी 1 जनवरी को मनाया जाता है. ये नया साल देश ही नहीं दुनिया के ज्यादातर देश अपनाते हैं. ये अंग्रेजों द्वारा आधिकारिक कामकाज के लिए अपनाया गया था. ये कैलेंडर प्रशासन, पढ़ाई, दफ्तर और अंतरराष्ट्रीय कामकाज में इस्तेमाल होता है. वहीं भारतीय परंपरा के अनुसार, 1 जनवरी कोई धार्मिक या पारंपरिक नया साल नहीं है. देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग दिन नववर्ष मनाया जाता है. कहीं गुड़ी पड़वा, कहीं चैत्र नवरात्रि, कहीं बैसाखी, कहीं पुथांडु तो कहीं पर उगादी त्योहारों के रूप में नया साल मनाया जाता है.
बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर अंग्रेजों द्वारा भारत में आधिकारिक और प्रशासनिक कार्यों के लिए अपनाया गया था. आज भी इसी कैलेंडर को फॉलो किया जाता है. इसके कारण लोग इसे अंग्रेजों का नया साल कहते हैं. इसके अलावा 31 दिसंबर की रात से 1 जनवरी तक जश्न मनाया जाता है. इसके तहत अक्सर पश्चिमी शैली की पार्टियों, शराब आदि का सेवन किया जाता है. ये भारतीय संस्कृति और पारंपरिक नव वर्ष से बेहद अलग है, जो 1 अप्रैल को मनाया जाता है.
अगर आप नया साल सनातन तरीके से मनाना चाहते हैं, तो आप पुरानी रोम और बेबीलोन की परंपराओं के तहत नए साल पर अपने आप से वादा या संकल्प कर सकते हैं. इसके लिए आपको एक डायरी में अपने पिछले साल की समीक्षा लिखनी है. इसमें आप आगे आने वाले साल में क्या सीखना चाहते हैं और दूसरी सकारात्मक चीजें, जो आप करना चाहते हैं, उसके बारे में लिख सकते हैं.
इसके अलावा आप सामूहिक प्रार्थना और मंत्रोच्चार कर सकते हैं. ये आपको नए साल की तरह ही महसूस कराएगा. आप परिवार या दोस्तों के साथ मिलकर घर में या मंदिर में सामूहिक गायत्री मंत्र या अन्य मंत्रों का जाप कर सकते हैं. इससे आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा आएगी. कहा जाता है कि ऐसा करने से आप आने वाले पूरे साल अच्छा महसूस करेंगे.
इसके अलावा आप नए साल पर जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं. आप अपने आसपास के लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं. आप वृक्षारोपण कर सकते हैं और तुलसी पूजा भी कर सकते हैं. जिस तरह से पेड़ों का कटाव हो रहा है, उस तरह से वृक्षारोपण करना भी बेहद जरूरी है.
आप नए साल के मौके पर शरीर और मन की शुद्धि कर सकते हैं. आप उपवास, ध्यान, योग और सात्विक भोजन का सेवन कर सकते हैं. आप अपने आसपास की बिना जरूरत की चीजें हटाकर घर की सफाई करनी चाहिए. इसके अलावा नहा धोकर शरीर की सफाई जरूरी है. मन की शुद्धि के लिए आप पूजा पाठ कर सकते हैं या कोई भी वो काम जो आपको पसंद हो.
आप नए साल के अवसर पर किसी चीज को शून्य से शुरू कर सकते हैं. आप नकारात्मक विचारों और पुरानी शिकायतों को छोड़कर एक नई शुरुआत कर सकते हैं. आप कुछ नया सीखना चाहते हैं तो उसे शुरू करने के लिए भी आप नए साल के दिन का चुनाव कर सकते हैं.
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