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उत्तराखंड की तरह यूपी में भी समान नागरिक संहिता को लागू करने पर विचार किया जा रहा है। यूपी में कामन सिविल कोड लागू करने के मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसको लेकर कुछ संकेत भी दिए हैं।
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। उत्तराखंड में उठ रही समान नागरिक संहिता की मांग अब यूपी में भी उठने लगी है। हालांकि उत्तराखंड कामन सिविल कोड लागू करने को लेकर सरकार ने आदेश भी दे दिया है। अब यूपी में भी इसे लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
यूपी में कामन सिविल कोड लागू करने के मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसको लेकर संकेत भी दिए हैं। इससे माना जा रहा है कि यूपी में भी जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है। मौर्य ने कहा कि कामन सिविल कोड इस देश और उत्तर प्रदेश के लिए जरूरी है और इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा, एक देश में एक कानून सबके लिए हो, इसकी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है।
वहीं मौर्य ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां भी और जहां गैर भाजपा सरकारें है वहां भी, अगर सबका साथ सबका विकास चाहिए तो कामन सिविल कोड जरूरी है और यह एक ऐसी चीज है जिसकी सबको मांग करनी चाहिए और सबको स्वागत करना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज कामन सिविल कोड की जरूरत है और कामन सिविल कोड इस देश के लिए बहुत जरूरी है, उप्र के लिए जरूरी है और इस देश की जनता की जरूरत है। हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पूरे देश के लिए एक कानून के पक्ष में बात की थी और कहा था कि इस मामले को सही समय पर उठाया जाएगा।
इससे पहले उत्तराखंड में कैबिनेट की बैठक में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति के गठन को मंजूरी दी जा चुकी है। पहली कैबिनेट बैठक के बाद धामी ने कहा था कि उत्तराखंड इस तरह की संहिता को लागू करने वाला पहला राज्य होगा, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि शायद यह गोवा में पहले से ही लागू है।
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