इंडिया न्यूज़, झांसी:
देश में एक तरफ जहां कई राज्यों में धर्म के नाम पर हिंसा हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के झांसी के लोगों ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे (Hindu-Muslim Brotherhood) की एक नई मिसाल पेश की है। झांसी के थाना बड़ागांव अंतर्गत कस्बा बड़ागांव में रविवार को मंदिर और मस्जिद में लगे लाउडस्पीकरों (loudspeaker) को अपनी-अपनी इच्छा से भाईचारा और मानवता की मिसाल देते हुए उतार लिया है। दोनों समुदाय के लोगों ने बताया है कि क्षेत्र में किसी तरह का कोई विवाद या मनमुटाव ना हो जिसके चलते उन लोगों ने अपने-अपने लाउडस्पीकरों को हटा दिया है।
राम जानकी मंदिर से पुजारी ने लाउडस्पीकर हटवाया तो वहीं मस्जिद से मौलवी साहब ने लाउडस्पीकर उतरवा कर भाईचारे की मिसाल पेश की है। इस कदम के बाद से पूरे गांव में पुजारी और मौलवी की तारीफ हो रही है।
लाउडस्पीकर विवाद पर सीएम योगी का बयान
धार्मिक स्थलों और आयोजनों में लाउडस्पीकर की तेज आवाज को लेकर छिड़े विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) बड़ा आदेश देते हुए कहा था कि “धार्मिक स्थलों और आयोजनों में लाउडस्पीकर की आवाज इतनी रखी जाए जो परिसर के बाहर न जाए। इससे किसी को कोई परेशानी भी नहीं होनी चाहिए। सीएम योगी के आदेश पर गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर और मथुरा में श्रीकष्ण जन्म मंदिर ने 23 अप्रैल को अपने-अपने लाउडस्पीकर की आवाज को कम कर दिया।
मस्जिद में नहीं हुआ लाउडस्पीकर का प्रयोग
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान पर लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के बाद पास में मौजूद ईदगाह में जुमे की नमाज के दौरान लाउडस्पीकर से नमाज अदा नहीं की गयी। नमाजियों का कहना कि जुमे की नमाज के दौरान लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया गया।
इस मामले में शाही ईदगाह मस्जिद के प्रबंधन कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने कहा कि “मस्जिद में तीन लाउडस्पीकर हटा दिए गए और कम आवाज में केवल एक लाउडस्पीकर ही चालू है। यह सुनिश्चित किया गया है कि मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर की आवाज मस्जिद परिसर के बाहर न जाए।” तनवीर अहमद ने इसे धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने वाला कदम बताते हुए कहा कि “यह सद्भाव को बढ़ावा देने की ओर एक कदम है, जिसके लिए मथुरा जाना जाता है।”
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