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Maa Annapurna 108 साल बाद पहुंची मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा

इंडिया न्यूज, वाराणसी। Maa Annapurna 108 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार की सुबह मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंची। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रतिमा यात्रा की अगवानी की। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो गया। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू (Maa Annapurna) भव्य स्वागत […]

BY: Amit Sood • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, वाराणसी।
Maa Annapurna 108 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार की सुबह मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंची। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रतिमा यात्रा की अगवानी की। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो गया।

प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू (Maa Annapurna)

भव्य स्वागत के बाद प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान आरंभ हो गए। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की। काशी विश्वनाथ मंदिर का अर्चक दल काशी विद्वत परिषद की निगरानी में संपूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण कराया। मंगला आरती के बाद से ही मंदिर परिसर में आयोजन शुरू हो गए थे। बता दें कि मूर्ति स्थापना का प्रसाद वितरण रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में भी होगा, जहां धर्म गुरुओं और मुख्यमंत्री का संबोधन होगा।

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Maa Annapurna

यहां-यहां प्रतिमा का हुआ भव्य स्वागत (Maa Annapurna)

ज्ञात रहे दिल्ली से 11 नवंबर को रवाना होने के बाद काशी पहुंची। इस दौरान मां की प्रतिमा अलीगढ़, अयोध्या, लखनऊ व जौनपुर समेत यूपी के 18 जिलों से गुजरी। दिल्ली से काशी आई माता की प्रतिमा का नगर भ्रमण के दौरान पूरा वातावरण जयकारों से गूंज गया। जगह-जगह पुष्प वर्षा, डमरू दल, घंटा घड़ियाल बजाकर माता की रास्ते भर आरती उतारी गई। माता को चांदी का मुकुट, सोने की हार एवं कंगन अर्पित कर श्रृंगार एवं पूजन किया।

18वीं सदी की है प्रतिमा (Maa Annapurna)

बलुआ पत्थर से बनी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 18वीं सदी की बताई जाती है। प्रतिमा में दिखाई दे रहा है कि मां के एक हाथ में खीर का कटोरा और दूसरे हाथ में चम्मच हैं। ये रहस्य आज भी बरकरार है कि आखिर प्राचीन कैसे कनाडा पहुंची। बताया जा रहा है कि दुर्लभ और ऐतिहासिक सामग्रियों की तस्करी करने वालों ने प्रतिमा को कनाडा ले जाकर बेच दिया था। काशी के बुजुर्ग विद्वानों को भी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के गायब होने की जानकारी नहीं है।

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