India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Crime: उत्तराखंड में बोट ब्रो टीएलसी नामक दुबई संचालित ऐप के जरिए करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। इस ठगी की चपेट में आम नागरिकों के साथ-साथ उत्तराखंड पुलिस के कई कर्मचारी भी आ गए हैं। इस घोटाले की जांच पहले उत्तर प्रदेश पुलिस कर रही थी, लेकिन मामला बढ़ने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसे अपने हाथ में ले लिया। जांच के दौरान पता चला कि उत्तराखंड में इस गिरोह का संचालन नवीन नेगी नामक व्यक्ति कर रहा था।
इस गिरोह ने बोट ब्रो टीएलसी ऐप के जरिए निवेशकों को बड़े रिटर्न का झांसा दिया। शुरुआत में निवेश करने वाले लोगों को कुछ किश्तें देकर भरोसा जीत लिया गया। जब निवेशकों ने अधिक पैसे लगाए और मुनाफा निकालने की कोशिश की, तो उनका संपर्क ऐप से कट गया।
Uttarakhand Crime
उत्तराखंड में इस घोटाले का संचालन नवीन नेगी कर रहा था, जिसने कई निवेशकों को इस फर्जी ऐप से जोड़ा और उनकी रकम ठग ली। ईडी की टीम ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटा लिए हैं और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी संभव है।
इस घोटाले की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उत्तराखंड पुलिस के कई कर्मचारी भी इस जालसाजी में फंस गए। उन्होंने बेहतर रिटर्न की उम्मीद में इसमें पैसे लगाए। शुरुआत में उन्हें कुछ लाभ भी मिला, लेकिन बाद में जब उन्होंने अधिक पैसा निकासी करनी चाही, तो ऐप का संपर्क खत्म हो गया। हालांकि, अभी तक उत्तराखंड में इस घोटाले को लेकर कोई आधिकारिक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के मुख्य सरगना मुजफ्फरनगर के लविश चौधरी और नवाब हैं। लविश ने 2023 में अमेरिका के मियामी बीच में “वाईएफएक्स बोट ब्रो टीएलसी” कंपनी का पंजीकरण कराया था। इस कंपनी के जरिए डॉलर में निवेश कराया जाता था और ट्रेडिंग एआई (AI Trading) के माध्यम से पैसे घुमाए जाते थे। लविश करोड़ों की संपत्ति बनाने के बाद दुबई भाग गया, जबकि नवाब भारत में रहकर गिरोह का संचालन कर रहा है।
ईडी ने इस घोटाले की जांच तेज कर दी है और जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। उत्तराखंड के निवेशकों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार के संदेहास्पद ऐप में निवेश न करने की सलाह दी गई है।