इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Politics Prashant Kishor राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि बहुत सारे राजनीतिक दलों का एकजुट होना ही भाजपा के खिलाफ काफी नहीं है, बल्कि इसके अलावा दूसरे दलों को भी अपनी लीडरशिप तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा, असम में महागठबंधन बना और उसे हार मिली।
Politics Prashant Kishor One face and one thought is necessary to defeat BJP.
इसी तरह वर्ष 2017 में यूपी में सपा-बसपा व अन्य पार्टियां साथ आईं, लेकिन वे तब भी हार गईं। प्रशांत ने कहा, राजनीतिक पार्टियों को अतीत पर झांकना होगा और उससे सीखना होगा। यह वह फॉमूर्ला नहीं है, जिससे भाजपा हार जाएगी। इसके लिए सबको एक करने वाला चेहरा चाहिए, एक विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा, इसके बाद आंकड़ों और मशीनरी का नंबर आता है ।
प्रशांत किशोर ने कहा कि कोई भी पार्टी बीजेपी को अकेले तब तक चुनौती नहीं दे सकती जब तक वह उस जगह को हासिल नहीं कर लेती है। कांग्रेस की आज यही स्थिति है। उन्होंने कहा, यदि आपके पास सही मुद्दे और विचार हैं तो लीडरशिप करनेवाला वह चेहरा भी नजर आ जाएगा।
प्रशांत ने कहा, दो साल कम नहीं होते हैं। राजनीतिक रणनीतिकार ने यह भी कहा कि सात से 10 साल की योजना आपके पास होनी चाहिए। साथ रहना होगा, लड़ना होगा और चेहरा, विचार, आंकड़ा और मशीनरी पर लगातार काम करना होगा।
प्रशांत किशोर ने कहा, इस देश में प्रभावी विपक्ष के लिए कांग्रेस जरूरी है, लेकिन पार्टी की वर्तमान स्थिति को देखते हुए नहीं। मौजूदा कांग्रेस लीडरशिप के साथ कांग्रेस ने कुछ अच्छा नहीं किया है।
प्रशांत ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा कि विपक्ष का नेता कौन हो, लेकिन कांग्रेस अकेले ही पूरा विपक्ष नहीं है। इसमें और भी बहुत सारे दल हैं। इन सबको मिलकर यह तय करना चाहिए कि विपक्ष की अगुवाई कौन करे। यह नहीं होना चाहिए कि कोई कह दे कि कोई अध्यक्ष होगा और उसे वह जिम्मा सौंप दिया जाए।
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