India News (इंडिया न्यूज़), Nikita Sareen, UP Election: घोसी विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी ने दूसरे दलों में सेंधमारी करने पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। पार्टी ने अब दूसरे दलों के नेताओं को ज्वाइन कराने की रणनीति में भी बदलाव किया है। अब बीजेपी सीधे विपक्षी दलों के एमएलए को ज्वाइन नहीं कराएगी, जिनके इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव की स्थिति बने। अभी करीब 250 विपक्षी नेता बीजेपी की लिस्ट में हैं, जिन्हें ज्वाइन कराना था, पर केंद्रीय आलाकमान की सलाह पर इस अभियान को रोक दिया गया है।
बीजेपी को हर महीने विपक्षी दलों के नेताओं को तोड़कर खुद को मजबूत करने का अभियान चलाना था। जुलाई और अगस्त में यह अभियान शुरू भी कर दिया गया था। पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी, पूर्व सांसद राजपाल सिंह सैनी, पूर्व विधायक सुषमा पटेल और जगदीश सोनकर समेत कई नेताओं को बीजेेपी ज्वाइन भी करा दिया गया था। ज्वाइनिंग का अभियान चलाने के लिए पार्टी ने बाकायदा एक ज्वाइनिंग कमिटी भी प्रदेश उपाध्यक्ष बृज बहादुर की अगुवाई में बना दी थी। इस कमिटी ने जिलों से लिस्ट मंगवानी शुरू कर दी थी कि किन्हें कब ज्वाइन कराना है। बीजेपी की कोशिश थी कि हर महीने दो से तीन बड़े विपक्षी नेताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलायी जाए। लेकिन अब इस पर ब्रेक लग गया है।
पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को सपा से भाजपा में लाकर घोसी में उपचुनाव लड़ाया गया था। घोसी सीट दारा सिंह चौहान के ही इस्तीफे से खाली हुई थी, लेकिन उपचुनाव में मिली हार से बीजेपी को झटका लगा है। बीजेपी के केंद्रीय आलकमान ने अब रणनीति बदलते हुए नई ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी है। कहा जा रहा है कि यूपी के कुछ छोटे दल भी बीजेपी ज्वाइन करना चाहते थे, पर अब उन्हें मना कर दिया गया है। हर जिले में बीजेपी के जिलाध्यक्षों ने विपक्षी दलों की सूची तैयार कर ली है। करीब 250 से ज्यादा नेता, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और विपक्षी दलों के पदाधिकारी बीजेपी ज्वाइन करने की सूची में है, पर अभी उन्हें भी मना कर दिया गया है, अब केंद्रीय आलकमान की हरी झंडी के बाद ही ज्वाइनिंग़ शुरु होगी।
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अब विपक्षी दलों के नेताओं के लिए ज्वाइनिंग के नए नियम बनाने के बाद ही उनकी एंट्री खोलेगी। नए नियमों के तहत अब किसी भी नेता को ज्वाइन कराने से पहले उसकी जमीनी रिपोर्ट मंगवायी जाएगी। जिले और विधानसभा से मंगवाई गई रिपोर्ट में नेता का जमीनी आधार, जातीय गणित भी देखा जाएगा। इसके साथ ही यह भी तय किया जा रहा है कि मौजूदा एमएलए को इस्तीफा दिलाकर चुनाव जैसी स्थिति नहीं बनायी जाएगी। नेता की ज्वाइनिंग के लिए स्क्रीनिंग कमिटी पूरी पड़ताल की रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को भेजेगी। यह रिपोर्ट केंद्रीय कार्यालय पर भेजी जाएग़ी। वहां से सहमति मिलने के बाद ही ज्वाइनिंग की जाएगी।
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