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(इंडिया न्यूज़): छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए नारियल अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि इस समय मौसम में हो रहे बदलाव के कारण सर्दी-जुखाम से बचाने के लिए नारियल का प्रयोग किया जाता है. इसे प्रसाद रूप लोगों में बांटने से सभी की सेहत में सुधार होता है.
छठ पूजा के दौरान भोग में केले का भी विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि मैया को पूजा के दौरान पूरा गुच्छा अर्पित किया जाता है. इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटकर खुद ग्रहण किया जाता है. मान्यता है कि केले का भोग लगाने से छठ मैया प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं.
कहते हैं कि छठ मैया को प्रसाद में चावल के लड्डू बेहद पसंद है. इन्हें विशेष रूप से चावल से तैयार किया जाता है. छठ के समय ही धान की नई फसल कटती है. ऐसे में सूर्य देव को पहले नई फसल अर्पित की जाती है. इसलिए भोग में चावल के लड्डू का भोग लगाया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छठ पूजा में छठी मैया के भोग के लिए गन्ना भी जरूरी है. अर्घ्य देते वक्त पूजन सामग्री में गन्ना रखना जरूरी माना गया है. माना जाता है कि इसके बिना पूजा अधूरी होती है. ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की कृपा से ही फसल होती है. इसलिए पूजा में सबसे पहले सूर्य देव को नई फसल का प्रसाद अर्पित किया जाता है. फसल में इस समय गन्ना ही तैयार होता है, इसलिए मां को पूजा में गन्ना अर्पित किया जाता है और प्रसाद के रूप में लोगों में बांटा जाता है.
मान्यता है कि छठ व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं और छठी मैया की उपासना करती हैं. इस दिन छठी मैया को कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. इसमें ठेकुए का प्रसाद सबसे प्रमुख होता है. गुड़ और आटे के मिश्रण से ये तैयार किए जाते हैं. कहा जाता है कि ठेकुए के बिना ये पूजा अधूरी मानी जाती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छठी मैय्या की पूजा में विशेष फल डाभ नींबू का भी इस्तेमाल किया जाता है. ये देखने में बाहर से पीला और अंदर से रसीला होता है. स्वास्थ्य के लिहाज से ये नींबू वरदान से कम नहीं है. यह कई रोगों से दूर रखता है. ऐसे में कहा जाता है कि ये प्रसाद के रूप में लोगों को जरूर बांटना चाहिए.
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