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रुपये में 40 पैसे की कमजोरी, जानिए अब कितने का हो गया एक डॉलर

इंडिया न्यूज, Rupee Weakness : एक तरफ आज जहां शेयर बाजार में गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर, रुपया भी डालर के मुकाबले काफी कमजोर हुआ है। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज डॉलर के मुकाबले 40 पैसे की कमजोरी आई और 79.55 रुपये के स्तर पर खुला। इससे पहले मंगलवार को डॉलर के मुकाबले […]

BY: Bharat Mehndiratta • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, Rupee Weakness : एक तरफ आज जहां शेयर बाजार में गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर, रुपया भी डालर के मुकाबले काफी कमजोर हुआ है। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज डॉलर के मुकाबले 40 पैसे की कमजोरी आई और 79.55 रुपये के स्तर पर खुला। इससे पहले मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 38 पैसे की मजबूती के साथ 79.15 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।

आखिरी 5 दिनों में कैसा रहा रुपये का स्तर

बीते दिन मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 38 पैसे की मजबूती के साथ 79.15 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे की मजबूती के साथ 79.52 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की मजबूती के साथ 79.58 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। वीरवार को रुपये में 19 पैसे की मजबूती आई थी और यह 79.71 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की कमजोरी के साथ 79.90 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।

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Rupee Weakness

कैसे तय होते हैं रुपय के दाम

रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।

गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई उठाता है ये कदम

डॉलर के मुकाबले जब रुपए की कीमत काफी गिरने लगती है तो रिजर्व बैंक आफ इंडिया इसे संभालने के लिए कई ठोस कदम उठाता है। कई ऐसी नीतियों में बदलाव करता है जिससे डॉलर की मांग को कम किया जा सके। आरबीआई अपने मुद्रा कोष से कुछ डॉलर को निकालकर बेच सकता है।

आयात को मुश्किल करने के लिए नियमों को सख्त किया जा सकता है, जिससे डॉलर की मांग कम होती है। इससे विदेशी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं। भारतीय सामानों को विदेशी ग्राहक अधिक खरीदें इसके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे डॉलर का भंडार बढ़े। ऐसे ही कई और फैसले रिजर्व बैंक डॉलर की मांग को देश में कम करने के लिए उठा सकता है।

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