Hindi News / Business News / Semiconductor Chip

Semiconductor Chip: देश में सेमीकंडक्टर चिप की कमी होगी दूर, सरकार ने 76 हजार करोड़ रुपए की योजना को दी मंजूरी

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: Semiconductor Chip: दुनिया में बन रहे सभी प्रोडक्ट्स की सांसे सिर्फ एक चिप सेमीकंडक्टर पर टिकी होती हैं। ऐसे में ये गैजेट्स और मशीन हर किसी के पास मिल जाएंगी। सेमीकंडक्टर एक ऐसी चिप है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं कि क्या होती है ये चिप और कैसे […]

BY: India News Editor • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Semiconductor Chip: दुनिया में बन रहे सभी प्रोडक्ट्स की सांसे सिर्फ एक चिप सेमीकंडक्टर पर टिकी होती हैं। ऐसे में ये गैजेट्स और मशीन हर किसी के पास मिल जाएंगी। सेमीकंडक्टर एक ऐसी चिप है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं कि क्या होती है ये चिप और कैसे इसी के दम पर सारे गैजेट्स काम करते हैं। आइए जानते हैं।

बता दें कि देश में सेमीकंडक्टर चिप की कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 76 हजार करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत आने वाले 6 साल में देश में सेमीकंडक्टर चिप के लिए इकोसिस्टम तैयार किया जाएगा। इसमें सेमीकंडक्टर डिजाइन, कॉम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट्स एस्टेब्लिश की जाएंगी।

IT शेयरों में गिरावट से Sensex और Nifty ने शुरुआती बढ़त गंवाई; इंफोसिस, टीसीएस 3% नीचे

Semiconductor Chip

क्या होती है सेमीकंडक्टर चिप? ( What is semiconductor chip )

सेमीकंडक्टर को आप इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का दिमाग समझिए। कंप्यूटर, लैपटॉप, कार, वॉशिंग मशीन, एटीएम, अस्पतालों की मशीन से लेकर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन तक, इन सब में सेमीकंडक्टर की बेहद जरूरत पड़ती है।

बता दें  ये चिप एक दिमाग की तरह इन गैजेट्स को आपरेट करने में मदद करती है। इनके बिना हर एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम अधूरा है। सेमीकंडक्टर चिप सिलिकॉन से बने होते हैं और सर्किट में इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल करने के काम आते हैं।

ये चिप इलेक्ट्रॉनिक आइटम को आटोमैटिकली आपरेट करने में मदद करती है। उदाहरण के तौर पर, स्मार्ट वॉशिंग मशीन में कपड़े पूरी तरह धुलने के बाद आटोमैटिक मशीन बंद हो जाती है। इसी तरह कार में जब आप सीट बेल्ट लगाना भूल जाते हैं, तो कार आपको अलर्ट देती है। ये सेमीकंडक्टर की मदद से ही होता है।

पूरी स्कीम क्या है? (Semiconductor Chip)

  • जानकारी के मुताबिक स्कीम के तहत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट कंपनियों को 50 फीसदी तक आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही लंबे समय की रणनीति तैयार करने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन भी तैयार किया जाएगा।
  • सरकार का लक्ष्य डिस्प्ले के लिए एक से दो फैब यूनिट स्थापित करने का है। डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग कॉम्पोनेंट्स के लिए 10-10 यूनिट लगाने का प्लान है।
  • अगले 2-4 साल में 2 डिस्प्ले फैब्रिकेशन फैक्ट्री और 2 सेमीकंडक्टर फैक्ट्री की स्थापना की जाएगी। सरकार की इन पर करीब 30 से 50 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की योजना है।
  • इस योजना के तहत अगले 5 से 6 साल में देश में 100 से ज्यादा सेमीकंडक्टर डिजाइन, कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट्स की स्थापना की जाएगी।

बढ़ेगा रोजगार और घटेगी महंगाई? (Semiconductor Chip)

  • फिलहाल देश में प्रोडक्शन न होने की वजह से हम सेमीकंडक्टर मटेरियल का इम्पोर्ट करते हैं। अभी करीब 1.76 लाख करोड़ रुपए का इम्पोर्ट भारत करता है।
  • अनुमान है कि 2025 तक ये इम्पोर्ट बढ़कर 7.5 लाख करोड़ रुपए के करीब हो सकता है। अगर देश में ही सेमीकंडक्टर चिप का प्रोडक्शन होगा तो हमें इम्पोर्ट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सेमीकंडक्टर की कमी के चलते इंडस्ट्री को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है।
  • इस वजह से इलेक्ट्रॉनिक आइटम से लेकर आटोमोबाइल तक महंगे हुए हैं। अगर इन्हें देश में ही बनाया जाएगा, तो सामान सस्ते हो सकते हैं। इस स्कीम से नौकरी के लाखों मौके पैदा होंगे।
  • अनुमान के मुताबिक, सेमीकंडक्टर को डिजाइन करने के लिए करीब 85 हजार टैलेंटेड इंजीनियर्स की जरूरत पड़ेगी। तमाम छोटे-बड़े पदों के लिए भी नौकरियां निकलेंगी।
  • स्कीम के तहत इंसेंटिव मिलने से जो कंपनियां दक्षिण कोरिया, चीन और ताइवान में अपने प्लांट्स सेटअप कर रही हैं, वो भारत का रुख करेंगी।
  • बताया जा रहा है ये स्कीम आने वाले 6 साल में इलेक्ट्रॉनिक्स की फील्ड में एक नए युग की नींव रखेगी। इससे आत्मनिर्भर भारत के साथ ही रोजगार और इनोवेशन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सेमीकंडक्टर चिप की कमी क्यों आई?

दुनियाभर में सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद ही शुरू हो गई थी। दरअसल, लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्ट्स की डिमांड कम थी। इस वजह से चिप का प्रोडक्शन भी कम हुआ। जैसे ही लॉकडाउन खुला तो इलेक्ट्रॉनिक चीजों की डिमांड बढ़ने लगी। अचानक बढ़ी मांग से डिमांड और सप्लाई का अंतर बढ़ गया जिसका नतीजा चिप शॉर्टेज के रूप में सामने आया। आशंका है कि 2022 तक चिप की कमी बनी रह सकती है।

Read More : Indian Vaccine Achievement तीसरी वैक्सीन कोवोवैक्स को WHO की मंजूरी

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags:

automobiles

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue