होम / कौन हैं Jamsetji Tata, इस तरह किया 21 हजार से 30 लाख करोड़ तक का सफर तय

कौन हैं Jamsetji Tata, इस तरह किया 21 हजार से 30 लाख करोड़ तक का सफर तय

Babli • LAST UPDATED : March 31, 2024, 2:06 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Jamsetji Nusserwanji Tata, दिल्ली: जमशेदजी नुसेरवानजी टाटा, जिन्हें आमतौर पर जमशेदजी टाटा के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म 3 मार्च, 1839 को दक्षिणी गुजरात के नवसारी में हुआ था। टाटा का जन्म एक गरीब पारसी परिवार में नुसरवानजी टाटा और जीवनबाई टाटा के घर हुआ था। जबकि उनके पिता और बाकी रिश्तेदार पुरोहिती परंपरा का पालन कर रहे थे, वह जमशेदजी ही थे, जिन्होंने पारसी पादरी न बनने का फैसला किया और इसके बजाय नए सिरे से अपने खुद का बिजनेस शुरू किया।

जमशेदजी टाटा के माता-पिता ने बिजनेस में अपनी किस्मत आजमाने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति बनने की उनकी खोज में उनको पूरा सपोर्ट किया। नुसेरवानजी टाटा और जीवनबाई टाटा जानते थे कि उनके बेटे का दिमाग तेज़ था और उसे कम उम्र से ही मानसिक अंकगणित में खास योग्यता मिली थी। हालाँकि, किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि जमशेदजी एक ऐसा ग्रुप बनाएंगे जो भारत के विकास में एक एहम किरदार निभाएगा।

  • कौन हैं जमशेदजी टाटा
  • 21000 से शुरु की थी कंपनी

Mr. India 2 पर लगी मोहर, Boney Kapoor ने दिया बड़ा हिंट

टाटा समूह के फाउंडर, जमशेदजी टाटा की पढ़ाई

पढ़ाई में उनके इंटरेस्ट के कारण, नुसरवानजी टाटा ने अपने बेटे, जमशेदजी टाटा को बॉम्बे के फेमस एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला दिलाया। यह 1858 की बात है जब जमशेदजी ने एल्फिंस्टन कॉलेज से ‘ग्रीन स्कॉलर’ के रूप में पास की, जो आज ग्रेजुएशन के बराबर योग्यता है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, जमशेदजी 1858 में अपने पिता, नुसेरवानजी की एक्सपोर्ट ट्रेड फर्म में शामिल हो गए। यह जमशेदजी के जीवन का एक एहम मोड़ था क्योंकि उन्होंने लगभग नौ सालों तक अपने पिता के साथ काम करने के बाद बिजनेस के बारे में बहुत सारी चीजें सीखीं।

शादी के बाद प्यारी सुबह का मजा लेते Rakul Preet Singh ने शेयर की तस्वीर, फैंस ने रिश्ते पर लुटाया दिल

29 साल की उम्र में शुरु की कंपनी

यह साल 1868 था, और जमशेदजी टाटा आखिर अपनी व्यावसायिक सीखों को लागु करने के लिए स्थिर थे। 29 साल युवा ने मात्र 21000 रु. से अपनी खुद की ट्रेडिंग कंपनी शुरू की। यह वही कंपनी है जिसे आज हम टाटा ग्रुप के नाम से जानते है और इसकी कीमत लगभग रु. 30 लाख करोड़ रुपए हैं। अपनी ट्रेडिंग कंपनी खोलने के बाद, जमशेदजी कपड़ा बिजनेस के बारे में और ज्यादा जानने के लिए इंग्लैंड चले गए।

‘बंद कीजिए!’ पैप्स पर भड़की Sara Ali Khan, इस वजह से फूटा गुस्सा

एक बार जब जमशेदजी टाटा को कपड़ा इंडस्ट्री के बारे में अच्छी जानकारी मिलने करने का भरोसा हुआ, तो वे बंबई वापस आये और 1869 में एक दिवालिया तेल मिल को एलेक्जेंड्रा मिल में बदल दिया। हालाँकि, जमशेदजी ने इसे केवल दो साल बाद ही भारी लाभ के लिए बेच दिया। जबकि लोगों ने सोचा था कि एलेक्जेंड्रा मिल बेचने के बाद कपड़ा इंडस्ट्री में जमशेदजी की सफलता खत्म हो गई, लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह एक शानदार भविष्य की शुरुआत थी।

जमशेदजी टाटा की एम्प्रेस मिल ने कपड़ा उद्योग का बदला चेहरा

एलेक्जेंड्रा मिल को बेचने के बाद, जमशेदजी टाटा ने अपनी नज़र नागपुर पर टिकाई, जो उनकी अगली कपड़ा मिल, एम्प्रेस मिल का स्थान बन गया। हालाँकि, इस बार, चीजें थोड़ी अलग थीं क्योंकि जमशेदजी टाटा ने एक ऐसी जगह फाइनल की थी जो कपास उगाने वाले क्षेत्रों के करीब थी, आरामदायक रेलवे पहुंच और कुछ और प्रमुख कारक थे जो उनके व्यवसाय की लागत में कटौती कर सकते थे। इसका उद्देश्य भारत में कपड़ा केंद्र के रूप में बॉम्बे के एकाधिकार को चुनौती देना था।

करीना को ‘खट्टे अंगूर’ समझती हैं Priyanka Chopra, आखिर क्यों कही थी इतनी बड़ी बात

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT