National Lok Adalat 13 December 2025
National Lok Adalat 13 December 2025: कुछ महीनों के अंतराल पर देश में तय तारीख पर लगने वालीं लोक अदालतों में ट्रैफिक उल्लंघनों के मामलों में चालान पर भारी छूट दी जाती है. इन लोक अदालतों में कई बार तो पूरा जुर्माना भी माफ हो जाता है. अगर आप भी अपने निजी वाहन के भारी-भरकम चालान से परेशान हैं और सस्ते में छुटकारा पाना चाहते हैं तो तैयार हो जाइये. आगामी शनिवार (13 दिसंबर, 2025) को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) में आप राहत के साथ अपना चालान जमा कर सकते हैं. यह बकाया ट्रैफिक चालान से निपटने का सबसे आसान और किफायती जरिया है.
देशभर में वाहन चालकों को लोक अदालत से लाभ लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना करना होता है. इसके लिए अंतिम तारीफ होती है. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद ही आपको समय और जगह के बारे में जानकारी दी जाती है. देश की राजधानी की बात करें तो यह प्रोसेस दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर पूरा किया जाता है.
1. सबस पहले NALSA की वेबसाइट https://nalsa.gov.in/ पर जाएं.
2. होमपेज पर Lok Adalat Token Registration पर क्लिक करना होगा.
3. ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. इसमें उपभोक्ता का सही और पूरा नाम हो. मोबाइल नंबर देना होगा. वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और लंबित चालान की जानकारी भी देनी होगी.
4. फॉर्म भरने के बाद ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करना होगा.
5. इसके अगले स्टेप में सफल रजिस्ट्रेशन के बाद उपभोक्ता को टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट पत्र (SMS या ईमेल द्वारा) के जरिये भेजा जाएगा. इसे उपभोक्ता जरूरी डाउनलोड कर लें.
दिल्ली में लोक अदालत का तारीख बदल गई है. यहां 10 जनवरी को लोक अदालत लगाई जाएगी. दिल्ली में साकेत कोर्ट, कारकड़ूमा कोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट के अलावा द्वारका कोर्ट, तीस हजारी कोर्ट, रोहिणी कोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट में लोक अदालत लगती है. सामान्य तौर पर हाई कोर्ट, कंज्यूमर फोरम और अन्य ट्रिब्यूनल लोक अदालतें लगाई जाती हैं.
यहां पर यह भी जान लें कि उल्लंघन के हर मामले में उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिलती है. इसमें गंभीर अपराध जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाना भी शामिल है. इसके अलावा हिट एंड रन और नाबालिग द्वारा ड्राइविंग के मामलों पर सुनवाई नहीं होती है. कुल मिलाकर खतरनाक मामलों में वाहन चालकों को राहत नहीं मिलती है.
लोक अदालत लगाने का मकसद लंबे विवाद और जल्द से जल्द चालान से मुक्ति दिलाना या राहत दिलाना है. पिछले कुछ सालों के दौरान इसका लोगों को लाभ भी मिला है. यहां यह भी जान लें कि किन-किन मामलों में वाहन चालकों को राहत मिलती है. दरअसल, बिना हेलमेट या सीट बेल्ट वाहन चलाने का मामले सबसे ज्यादा लोक अदालत में आते हैं. इसके साथ-साथ रेड लाइट तोड़ना और सड़कों पर गलत पार्किंग के केस भी बहुत बड़ी संख्या में यहां पर आते हैं. वाहन का वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र और ओवर स्पीडिंग के केस भी बड़ी संख्या में आते हैं.
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